देश के प्रतिष्ठित प्रदेश राजस्थान के डीग में भारत का सबसे प्राचीन पुस्तकालय हिन्दी पुस्तकालय के 97 वें स्थापना दिवस पर आयोजित साहित्यिक महोत्सव में आलोचना के शिखर पुरुष प्रोफेसर नामवर सिंह के अवतरण दिवस की पूर्व संध्या एक अविस्मरणीय कवि सम्मेलन एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया ।
इस अवसर पर नारायणी साहित्य अकादमी राजस्थान शाखा द्वारा सभी कवियों कवयित्रियों एवं व्याख्यान देने वाले अतिथियों को साहित्य केतु सम्मान से सम्मानित किया गया। आयोजन में दिल्ली से आए अकादमी के महासचिव मनोज भावुक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.पुष्पा सिंह बिसेन की उपस्थिति रही। राजस्थान के प्रदेश प्रभारी विख्यात हास्य कवि ओम तिवारी की उपस्थिति रही।
अकादमी के राजस्थान शाखा के सचिव डा.सुरेंद्र सार्थक के संचालन में एक भव्य साहित्यिक महोत्सव का सफल आयोजन किया गया। दूसरे दिन पुरस्कार एवं सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि पद्मश्री शंकर दयाल शर्मा एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा पुरस्कार श्रृंखला में नारायणी साहित्य अकादमी की राष्ट्रीय अध्यक्षा डा.पुष्पा सिंह विसेन को उनके आत्मकथा लेखन के श्रेष्ठ रचना धार्मिकता के लिए पं श्री वल्लभ राम शर्मा आत्मकथा सम्मान एवं पुरस्कार द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया। जिसमें इक्यावन सौ की धनराशि के साथ स्मृति चिन्ह, गौमाता संग बछड़े की मूर्ति,श्रीफल, लाल रंग की शाल राधा कृष्ण का पक्का, गुलाब की माल आदि देकर साहित्यिक मनीषियों द्वारा सम्मानित किया गया।