दिल्ली में एक ओर उमस भरी गर्मी तो दूसरी ओर बाढ़ का कहर। मतलब दिल्ली के लोगों को दो मोर्चों का सामना करना पड़ रहा है। पीने के पानी की दिक्कत अलग से। जी हां देश की राजधानी में बिन बारिश के बाढ़ आ गई है। बाढ़ भी ऐसी कि 1978 के बाद ऐसी बाढ़ का सामना दिल्ली के लोगों को नहीं करना पड़ा है। यह अपने आप में दिलचस्प है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फ़्रांस के राजधानी पेरिस में भारतीय मूल के लोगों को प्रवचन दे रहे हैं और उनकी राजधानी डूब रही है। गत दिनों जब मणिपुर जल रहा था तो साहब अमेरिका दौरे पर थे और भारतीय मूल के लोगों से मिल रहे थे।
दिल्ली में बाढ़ के प्रकोप की बात करें तो यमुना नदी इस कदर उफान पर है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में तुरंत सेना और एनडीआरएफ की टीम को उतारने की मांग की है। उन्होंने ट्वीट किया कर कहा है कि यमुना का पानी शहर में आ गया। इस वजह से आईटीओ और आसपास बाढ़ आ गई है। मैंने मुख्य सचिव को सेना और एनडीआरएफ की मदद लेने के लिए निर्देश दिया है।
उधर दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि यह नाले शहर के बारिश का पानी यमुना में डालते हैं, लेकिन रेग्युलेटर पानी के दबाव की वजह से टूट गया है और अब यह पानी यमुना से शहर में जा रहा है ,यह पानी ITO आदि जगह पर जा रहा है। हम मिट्टी के कट्टों की मदद से इस पानी को शहर में जाने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
ITO पहुंचे सीएम केजरीवाल
दिल्ली में यमुना फ्लड कंट्रोल रेगुलेटर का निरीक्षण के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ITO पहुंचे और बाढ़ का जायजा लिया। दरअसल यमुना में बाढ़ के कारण कई जगहों पर यातायात के लिए मार्ग बदले गए हैं। इस वजह से भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई है।
दिल्ली लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री आतिशी ने कहा, “दिल्ली वालों के लिए अच्छी खबर ये है कि पानी का लेवल बढ़ नहीं रहा है। अभी धीमी गति से पानी घटना शुरू हो गया है. पानी का लेवल नीचे जाने में अभी 1 दिन लगेगा. सारे नाले भर गए हैं। जिसके बैक फ्लो के कारण कई इलाकों में पानी भर रहा है।अभी पंपिंग संभव नहीं है. हम दिल्ली वालों से अपील करेंगे कि जिसको घर से निकलने की जरूरत नहीं है वे घर में ही रहें।