मोदी सरकार पर उसके खिलाफ उठने वाली आवाज को दबाने के जो आरोप लगाये जाते हैं उनमें काफी दम देखा जा रहा है। विपक्ष के नेताओं पर सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स के छापे पड़ने तो आम बात है ही अब ट्विटर के को-फाउंडर जैक डोर्सी ने मोदी सरकार पर बड़े आरोप लगा दिए हैं। डोर्सी ने कहा है कि किसान आंदोलन के दौरान मोदी सरकार ने ट्विटर पर आलोचना करने वालों के अकाउंट सस्पेंड करने का दबाव बनाया था। हालांकि केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने जैक डोर्सी के इस बयान को झूठा बताया है और कहा है कि ट्विटर ने हर बार भारतीय कानूनों का उल्लंघन किया है। इसके अलावा उन्होंने ट्विटर पर ही तमाम तरह के आरोप लगा दिए। केंद्रीय मंत्री ने दिया डोर्सी को जवाब
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्विटर पर जैक डोर्सी के बयान का जवाब देते हुए कहा, “जैक डोर्सी ने ये साफ झूठ बोला है। शायद ट्विटर के इतिहास के उस बहुत ही संदिग्ध हिस्से को मिटाने की एक कोशिश है। डोर्सी और उनकी टीम ने भारतीय कानून का बार-बार और लगातार उल्लंघन किया था। असल में ट्विटर ने 2020 से 2022 तक भारतीय कानून का पालन नहीं किया, जिसके बाद जून 2022 में आखिरकार ये किया गया। इस दौरान कोई भी ट्विटर अधिकारी जेल नहीं गया और न ही ट्विटर पर बैन लगाया गया। डोर्सी के दौर में ट्विटर को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में दिक्कत थी.”
जैक डोर्सी ने क्या किया दावाएक YouTube चैनल ब्रेकिंग पॉइंट्स को दिए इंटरव्यू में जैक डोर्सी से जब पूछा गया कि जब वो ट्विटर में थे, तब क्या किसी देश की सरकार की तरफ से उन पर दबाव डाला गया था? इस पर जवाब देते हुए डोर्सी ने भारत का जिक्र किया और कहा कि किसान आंदोलन के दौरान उनसे कई ऐसे ट्विटर हैंडल्स को बैन करने को कहा गया था जो सरकार की आलोचना कर रहे थे। ऐसा नहीं करने पर अधिकारियों के घरों में छापेमारी और ट्विटर को भारत में बंद करने की धमकी दी गई। भारत के अलावा डोर्सी ने तुर्की सरकार का भी जिक्र किया और कहा कि वहां की सरकार ने भी ट्विटर पर लगातार दबाव डाला और धमकी दी।
ट्विटर के को-फाउंडर के इंटरव्यू की ये वीडियो क्लिप लगातार वायरल हो रही है, तमाम विपक्षी दलों के नेता इसे शेयर कर रहे हैं और मोदी सरकार पर हमलावर हैं. हालांकि सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर इस मामले में जवाब नहीं दिया गया है।