चरण सिंह राजपूत
विपक्ष की लामबंदी की शुरुआत करने वाले नीतीश कुमार ने आखिरकार इंडिया का संयोजक बनने से इंकार क्यों कर दिया ? जी-20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी नीतीश कुमार पर इतने मेहरबान क्यों नजर आये ? मोदी ने नीतीश कुमार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से क्यों मिलवाया ? इस सभी सवाल नीतीश की इंडिया के प्रति निष्ठा पर संदेह पैदा कर रहे हैं। कहीं ऐसा तो नहीं है कि लालू प्रसाद के इंडिया में सक्रिय होने के बाद नीतीश कुमार अपना कद छोटा महसूस करने लगे हों। या फिर राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता बहाल होने के बाद नीतीश कुमार पिछड़ गए हैं। कहीं ऐसा तो नहीं है कि नीतीश कुमार फिर से बीजेपी की गोद में बैठने जा रहे हैं।
जी-20 शिखर सम्मेलन जाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मिलवाने के बाद नीतीश कुमार को संदेह की दृष्टि से देखा जाने लगा है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मामले को और हवा दे दी है। (Jitan Ram Manjhi) ने एक न्यूज चैनल से बातचीत करते है कहा कि पटना में जब विपक्षी दल की बैठक हुई थी और लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने कहा था राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को कि शादी कीजिए हमलोग बाराती रहेंगे। उसी दिन हम समझ गए थे और नीतीश कुमार को भी समझ जाना चाहिए था।
इतना ही नहीं मांझी ने कहा कि रही सही बातें बेंगलुरु में हो गई कि पहले ही नीतीश कुमार को वहां से भागना पड़ा। वहीं जब वो मुंबई गए तो उनको आईना दिखा दिया गया। मुख्यमंत्रियों को जैसे ही जी 20 के भोज में बुलाया गया तो नीतीश कुमार को खिड़की मिल गई। जीतन राम मांझी ने सवाल किया कि नीतीश कुमार को जो बाइडेन से पीएम मोदी परिचय करा रहे थे इसका क्या औचित्य है? इसका मतलब है कि नरेंद्र मोदी के दिल में कहीं न कहीं कुछ न कुछ चल रहा है। इसी बात को हमने कहा है कि देखिए आगे-आगे क्या होता है।
बातचीत के दौरान इस सवाल पर कि नीतीश कुमार के मन में क्या चल रहा है? इसके जवाब में मांझी ने कहा कि नीतीश के मन में बात नहीं चलती तो वह पहुंचते ही नहीं, वह जाते ही नहीं। नरेंद्र मोदी का दिल इतना बड़ा है कि उन्होंने नीतीश कुमार का जो बाइडेन से परिचय करवाया। रही बात नीतीश कुमार की तो इनके पास नरेंद्र मोदी की शरण में जाने का अलावा कोई उपाय नहीं है।
इस सवाल पर कि अब तो आप एनडीए में हैं आपके मन में क्या है कि नीतीश कुमार वापस एनडीए में आ जाएं? इस पर मांझी ने कहा कि वो आ जाएंगे या नहीं आएंगे इससे कोई मतलब नहीं है. आ भी जाते हैं तो उससे एनडीए को कोई फायदा नहीं होगा ये मैं मानता हूं। राहुल गांधी को आगे बढ़ाया जा रहा है और नीतीश कुमार को समझ आ गई है बात तो क्या ऐसे में आपको लगता है कि बिहार की राजनीति में फिर से उलटफेर होने वाली है। इस पर मांझी ने कहा कि सीधा और शुरू से कह रहे हैं कि आगे आगे देखिए होता है क्या. उधर तेजस्वी यादव यादव बांह चढ़ा रहे हैं और तो वहीं नीतीश कुमार जो बाइडेन से मिल रहे हैं. बिहार की राजनीति में भूचाल आना है, समय की बात है कि भूचाल कब आता है।