चरण सिंह राजपूत
भले ही चंद्रशेखर आज़ाद के हमलावर गिरफ्तार कर लिए गए हों, भले ही 3 जुलाई को सहारनपुर में भीम आर्मी की रैली न हुई हो। भले ही राजपूतों को अंग्रेजों की नाजायज औलाद बोलने वाले भीम आर्मी के उत्तरखंड अध्यक्ष महक सिंह ने माफ़ी मांग ली हो पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मामला शांत होने के बजाय गरमा रहा है। हमलावर प्रशांत, लविस और विकास के गांव रणखंडी में अभी भी माहौल गर्म है। इस गांव के लोग राजपूत समाज के बारे में भीम आर्मी के पदाधिकारियों के अनाप शनाप बोलने पर गुस्से में हैं। इन गांव वालों का कहना है कि राजपूत समाज के पूर्वजों पर गलत टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
एक ग्रामीण ने तो यहां कह दिया है कि हो सकता है उन्हें भी जेल जाना पड़े। इस मतलब साफ है कि सहारनपुर में जातीय हिंसा हो सकती है। हो सकता है कि चंद्रशेखर पर फिर से हमला हो जाये। वैसे भी भीम आर्मी के लोग भी आग उगल रहे हैं। महक सिंह के राजपूतों को अंग्रेजों की नाजायज औलाद कहने का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि बिहार में चद्रशेखर को सिक्योरिटी देने की मांग करते हुए भीम आर्मी के लोगों ने फिर से राजपूतों को अंग्रेजों की नाजायज औलाद कह दिया है। रणखंडी गाँव के लोग महक सिंह को भी आड़े हाथों ले रहे हैं। एक ग्रामीण ने तो कह दिया कि महक सिंह उत्तराखंड में नहीं रह पाएगा।
देखने की बात यह है कि चंद्रशेखर पर हमले के बाद भी योगी सरकार ने उन्हें सुरक्षा नहीं दी है। उल्टे योगी के मंत्री रघुराज सिंह ने तो हमले को ही फर्जी करार दे दिया। कहा कि चंद्रशेखर को कोई सुरक्षा नहीं दी जाएगी। उधर चंद्रशेखर से किसान नेता गुरुनाम चढूनी, समाजवादी नेता मो. आज़म खान साथ ही अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक भी घर जाकर मिले हैं। अखिलेश यादव, शिवपाल यादव और आप नेता संजय सिंह ने ट्वीट कर चंद्रशेखर के हमले की निंदा कर यूपी में जंगलराज बताया है। चंद्रशेखर ने भरतपुर रैली में कहा कि बात चंद्रशेखर की सुरक्षा की ही नहीं है। कितने पत्रकार, किसान नेता, विपक्ष के नेताओं की सुरक्षा की जरुरत है। हमें सुरक्षा नहीं मांगनी है बल्कि इन लोगों ऊपर उठना है।