Wednesday, October 23, 2024
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भारत छोड़ो आंदोलन के समय मुंबई के गोवालिया टैंक मैदान में तिरंगा फहराया था अरुणा आसफ अली ने

नीरज कुमार 

 

भारत के स्वाधीनता संग्राम की ग्रांड ओल्ड लेडी और भारत छोड़ो आंदोलन के समय मुंबई के गोवालिया टैंक मैदान में तिरंगा फहराने वाली अरुणा आसफ अली 16 जुलाई, 1909 को कालका, पंजाब में पैदा हुई।
अरुणा आसफ अली की पढाई लाहौर और नैनीताल में हुई थी। उन्होंने अपनी फैमिली के खिलाफ जाकर स्वतंत्रता सेनानी और मशहूर वकील आसफ अली से शादी की, ये वही आसफ अली हैं, जिन्होंने शहीद भगत सिंह कला केस लड़ा था।
आसफ अली से शादी के बाद अरुणा आज़ादी की लड़ाई में शामिल हो गयी और लोगों को जोड़ने का काम करने लगीं, उन्होंने 1930 के  नमक सत्याग्रह में हिस्सा लिया जिसकी वजह से उनको गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया जहाँ वो 1933 तक रहीं।

8 अगस्त, 1942 को बंबई में “भारत छोडो” आंदोलन की शुरुआत हुई। आंदोलन को कुचलने के लिए कांग्रेस के सारे बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया और ज्यादातर नेता 1946 तक जेल में रहे. ऐसे में अरुणा आसफ अली ने बंबई के गोवालिया टैंक में तिरंगा फहराकर भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत की. और पुलिस को चकमा देते हुए अगले चार साल तक पुरे देश में घूम कर आंदोलन को आगे बढाती रहीं, अरुणा को भारत छोड़ो आंदोलन की नायिका के रूप में याद किया जाता है.

इसी दौरान अरुणा आसफ अली को गिरफ्तार करने का निर्देश जारी कर दिया गया।  गिरफ्तारी से बचने के लिए अरुणा भूमिगत रहने लगीं।  अंग्रेजों ने उनकी सारी संपत्ति अपने अधीन कर उसे बेच दिया।  राम मनोहर लोहिया के साथ मिलकर वह इंकलाब नामक मासिक समाचार पत्र का संपादन भी करती रहीं। अंग्रेजी सरकार ने अरुणा आसफ अली की सूचना देने पर 5,000 का इनाम रखा। इस बीच अरुणा आसफ अली की तबीयत भी बहुत बिगड़ गई थी। महात्मा गांधी ने उन्हें पत्र लिखकर आत्मसमर्पण करने और आत्मसमर्पण के एवज में मिलने वाली धनराशि को हरिजन अभियान के लिए उपयोग करने को कहा उसके बाद 1946 में  अरुणा आसफ अली ने गिरफ़्तारी दी। 29 जुलाई, 1996 को अरुणा आसफ अली का निधन हो गया।

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