- बादली से पूर्व विधायक देवेंदर यादव की अगुवाई में 600 पौधे लगाए गए।
- जीटीके बाईपास से खत्ता हटाने के लिए आंदोलन चला रही है कांग्रेस की टीम।
– अभिजीत ठाकुर
जी टी करनाल बाईपास पर कूड़े का पहाड़ और उससे होने वाला प्रदूषण पूरी दिल्ली के लिए एक गम्भीर समस्या बन हुआ है। मौजूदा सरकारें प्रदूषण नियंत्रण के बड़े बड़े दावों की बातें जरूर करती हैं लेकिन बाईपास से खत्ते को हटाने के मुद्दे पर कोई ठोस कदम अब तक नहीं देखे गए हैं।
वहीँ दूसरी तरफ सत्ता में नहीं होने के बावजूद कांग्रेस नेता और बादली से पूर्व विधायक देवेंदर यादव ने इस मुद्दे को एक आंदोलन का रूप दे दिया है। ‘‘ की मुहीम में नया आयाम जोड़ते हुए आंदोलन से जुड़े लोगों ने सोमवार को खत्ते के आस पास वृक्षारोपण अभियान शुरू किया। अभियान के पहले ही दिन कुल 600 पौधे लगाए गए। गौरतलब है की आंदोलन की शुरुआत में ही कांग्रेस नेता देवेंदर यादव ने ये घोषणा की थी की खत्ते के आस पास कुल दस हजार वृक्ष लगाने का काम वो अपनी टीम के साथ करेंगे। अब यह अभियान पूरे एक महीने तक चलेगा जिसके तहत दस हजार पौधे लगाकर एक कीर्तिमान स्थापित करने की कोशिश ‘खत्ता हटाओ आंदोलन’ के स्वयंसेवक करना चाहते हैं।
अभियान की शुरुआत करते हुए पूर्व विधायक देवेंदर यादव ने लोगों से वृक्षारोपण की अपील की और कहा की दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करने के लिए जरूरी है की ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाए जाएँ। साथ ही देवेंदर यादव ने ये चेतावनी भी दी है की अगर पंद्रह अगस्त से पहले बाईपास से खट्टा हटाने के मुद्दे पर केजरीवाल सरकार और नगर निगम के द्वारा अगर ठोस कदम नहीं उठाये गए तो कांग्रेस कार्यकर्ता बाईपास पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर देंगे।
- स्थानीय लोगों के साथ साथ अलग अलग इलाकों से भी मिल रहा समर्थन।
‘खत्ता हटाओ आंदोलन’ को अब स्थानीय लोगों के साथ साथ उन इलाकों से भी समर्थन मिलने लगा है जो दूर दराज हैं। सोमवार को शुरू हुए वृक्षारोपण की मुहीम में आस पास के आरडब्लूए के अलावा रोहिणी , रिठाला , नरेला , शालीमार बाग़ , मंगोलपुरी और बुराड़ी से भी भारी संख्या में समर्थक पहुँचे और कार्यक्रम में भाग लिया।
स्थानीय लोगों की मांग है की बाईपास स्थित खट्टे पर तत्काल कूड़ा डालना बंद किया जाए और इस मांग को कांग्रेस पार्टी का सहारा भी मिल चूका है। ऐसे में सरकार के पास ये माँग भी रखी गई है की खत्ते के पहाड़ पर मिट्टी डाल कर इसको मिलिनियम पार्क का रूप दे दिया जाए। अब गौर करने वाली बात ये होगी की इस गम्भीर मुद्दे पर मौजूदा सरकार का रुख क्या रहता है , ख़ास कर ऐसी स्थिति में जब स्थानीय लोग आंदोलन करने पर आमदा हो चुके हैं।
खत्ता हटाओ आंदोलन के तहत देवेंदर यादव की टीम प्रत्येक सप्ताह खत्ते के आस पास की रिहायशी कॉलोनियों में चिकित्सा शिविर भी आयोजित करती रही है। मेडिकल जाँच में सैंकड़ों ऐसे मरीजों की पहचान हुई है जो साँस और त्वचा से सम्बंधित गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त हैं। ये बीमारियाँ उनके खत्ते से निकलने वाले जहरीले धुँए और रसायन की वजह से लगी है।
बादली और आस पास के क्षेत्र के तमाम लोगों में खत्ते के दुष्परिणामों को लेकर खासा आक्रोश देखा जा रहा है। ऐसे में ये देखने वाली बात होगी की जनता के इस मांग को सरकार कितनी गम्भीरता से लेती है।
“,हम इस मुहीम को एक एक पार्टी विशेष से आगे बढ़ते हुए सभी वर्ग के लोगों को इससे जोड़ना चाहते हैं जिसके लिए हमारे सदस्य कई संस्थान, स्कूल , सामाजिक संस्था और युवा वर्ग से लगातार संपर्क में भी हैं। इस आंदोलन की सफलता लोगों की सहभागिता जुड़ी हुई है इसलिए हम ज्यादा से ज्यादा जनसमूह को इस मुहीम से से जुड़ने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं ” देवेंदर यादव , पूर्व विधायक बादली।