अपनी पत्रिका ब्यूरो
नई दिल्ली/ लखनऊ। तो क्या अखिलेश यादव 2012 से 2017 के अपने कार्यकाल के काम से उत्तर प्रदेश के साथ ही छह और राज्यों में चुनाव लड़ना चाहते हैं ? उत्तर प्रदेश में तो पार्टी कार्यकर्ता अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते घूम रहे हैं। वह बात दूसरी है कि योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आंदोलन करने से अब समाजवादी पार्टी को डर लगने लगा है। दूसरा कार्यक्रम चल रहा है योगी का पर समजवादी पार्टी की ओर से कोई बड़ा आंदोलन नहीं किया गया है। यह बात तो समझ से बाहर है कि समाजवादी पार्टी आखिर किस बलबूते लोकसभा चुनाव में छह और राज्यों में चुनाव लड़ने जा रही है।दरअसल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन के जरिए धीरे-धीरे अपनी पैठ देश के अन्य राज्यों में भी बनाना चाहते हैं। यही वजह है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में सपा यूपी के बाहर भी अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को उतारने की रणनीति बना रही है। सूत्रों की मानें तो सपा इस बार यूपी के अलावा 6 और राज्यों में भी चुनाव लड़ना चाहती है।
दरअसल पिछले दिनों अलग-अलग राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने कुछ अन्य राज्य में सीटें जीती थी। सपा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दो सीटें जीती थी जहां पर मानखुर्द शिवाजी नगर क्षेत्र से सपा के प्रदेश अध्यक्ष अबू असीम आजमी विधायक भी हैं। इसके अलावा गुजरात में भी सपा ने पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव में एक सीट जीती थी। सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव इस बार यूपी के अलावा छह और राज्यों में लड़ने की तैयारी में हैं। सपा की रणनीति है कि उसे इंडिया गठबंधन यूपी के बाहर उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में भी लोकसभा लड़ने के लिए सीट मिलें।
‘इंडिया’ की बैठक में रख सकते हैं प्रस्ताव
पिछले काफी दिनों से समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव विपक्षी एकता को लेकर देशभर में प्रयास करते हुए दिखाई दिए हैं। पटना से लेकर बेंगलुरु तक विपक्ष की बैठकों में अखिलेश विपक्षी एकता की ताकत के रूप में हिस्सा ले चुके हैं। इसके साथ ही आगे भी गैर भाजपा दलों को एक मंच पर लाने की कवायद अखिलेश यादव की जारी रहने वाली है। माना जा रहा है कि सपा अध्यक्ष इंडिया की बैठक में ये प्रस्ताव भी रख सकते हैं।
जानें- क्या है सपा की रणनीति
सपा से जुड़े नेताओं का कहना है की समाजवादी पार्टी जिन-जिन राज्यों में अच्छा काम कर रही है, संगठन वहां पर लोकसभा चुनाव लड़ने की डिमांड करेगा. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव आगामी विपक्ष की महागठबंधन की बैठक में इस पर बातचीत भी करेंगे. उन्होंने इसको लेकर अपना एजेंडा भी तैयार कर लिया है. अखिलेश यादव ने अपनी बात रखने के लिए अपने वोट बैंक का एक आधार बनाया है कि कहां उनके मानने वाले कितनी फीसदी लोग हैं और अगर वो चुनाव लड़ते है तो उन्हें कितना फायदा मिलेगा.
आपको बता दें कि इंडिया गठबंधन में उत्तर प्रदेश की बात करें तो सपा को अपनी सीटें मौजूदा स्थिति के हिसाब से कांग्रेस और रालोद के लिए छोड़नी पड़ेगी जिसके एवज में अखिलेश यादव यूपी के बाहर कुछ सीटों पर चुनाव लड़कर अपनी संख्या संसद में मजबूत करना चाहते हैं.