Maharashtra Political Crisis: एनसीपी में बगावत के बाद अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की विधानसभा से अयोग्यता का मामला एक बार फिर से सामने आ गया है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेता सुनील प्रभु ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके सहयोगी विधायकों की अयोग्यता का मामला अभी तक स्पीकर के पास लंबित रहने का हवाला दिया है।
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी अभी तक स्पीकर ने एकनाथ शिंदे और उनके साथ पार्टी से बगावत करने वाले विधायकों की अयोग्यता को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है।
मई में आया था सुप्रीम कोर्ट का आदेश
बीते साल, 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में बगावत हुई थी। इसके बाद शिवसेना (शिंदे गुट) ने बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी। इसके खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट सुप्रीम कोर्ट में गया था. उद्धव ठाकरे गुट ने एकनाथ शिंदे और उनके साथ 15 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग उठाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल मई में महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए मामला बड़ी बेंच के पास भेज दिया था. कोर्ट ने कहा, राज्यपाल का फ्लोर टेस्ट देने का आदेश गलत था लेकिन उद्धव ठाकरे की सरकार को बहाल नहीं किया जा सकता, क्योंकि उन्होंने खुद इस्तीफा दे दिया था।
अयोग्यता पर सुप्रीम ने दिया था स्पीकर को आदेश
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता पर फैसला स्पीकर पर छो़ड़ दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, 16 विधायकों की अयोग्यता पर विधानसभा अध्यक्ष फैसला करेंगे. शीर्ष अदालत ने स्पीकर को इस मामले में जल्द फैसला लेने को कहा था. कोर्ट ने टिप्पणी भी की थी कि पार्टी में बंटवारा अयोग्यता कार्रवाई से बचने का आधार नहीं हो सकती।