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पांच वर्षों में 4 राज्यों में ‘आप’ का विस्तार होगा: योगेन्द्र यादव

By अपनी पत्रिका

February 15, 2015

नई दिल्ली  दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार जीत से उत्साहित आम आदमी पार्टी अब अगले पांच वर्षों में कम से कम चार महत्वपूर्ण राज्यों में एक मजबूत राजनीतिक ताकत के रूप में स्थापित करने की योजना बना रही है हालांकि वह किसी क्षेत्रीय पार्टी के साथ कोई ‘सहूलियत पर आधारित समझौता’ नहीं करेगी। पार्टी के रणनीतिकार और विचारक योगेन्द्र यादव ने कहा कि दीर्घावधि में ‘आप’ राष्ट्रीय राजनीति में सैद्धांतिक ताकत के रूप में उभरना चाहती है और पार्टी इस संबंध में मध्यावधि एवं दीर्घावधि लक्ष्य बनाने पर काम कर रही है।

योगेन्द्र ने कहा, ”हम क्षेत्रीय दल नहीं हैं। दीर्घावधि में हम राष्ट्रीय विकल्प बनना चाहते हैं। इसलिए हमने सोच समझकर दिल्ली को चुना। हम राष्ट्रीय राजनीति में सैद्धांतिक ताकत के रूप में उभरना चाहते हैं। अगले 3 से 5 वर्षों में हम दिल्ली और पंजाब के अलावा अधिक राज्यों में व्यवहार्य बनना चाहते हैं।’’ तीसरा मोर्चा जैसे गठबंधनों को सुविधा की व्यवस्था करार देते हुए उन्होंने कहा कि आप ऐसे किसी समूह में शामिल नहीं होगी। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस और जदयू जैसे दलों के साथ कोई सहमति बनाने से भी इंकार किया जिन्होंने दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया था।

योगेन्द्र यादव ने कहा, ”उन्होंने राजनीतिक समर्थन नहीं मांगा था और यहां तक कि हमने भी उन्हें राजनीतिक समर्थन नहीं दिया। यह उनकी अपनी ताकत एवं कमजोरी के आधार पर व्यक्त की गई भावना थी। वह इस बात को नहीं समझते कि हम राजनीतिक प्रतिष्ठान विरोधी हैं।’’ जाने माने राजनीतिक विश्लेषक योगेन्द्र ने कहा कि आप का लक्ष्य प्रत्येक राज्य में 20 प्रतिशत वोट हिस्सेदारी हासिल करना है जहां पार्टी मध्यावधि विस्तार पहल के तहत व्यवहार्य विकल्प बनना चाहती है। आप नेता ने हालांकि उन राज्यों का नाम बताने से इंकार किया जहां आप अपना विस्तार करना चाहती है। हालांकि उन्होंने कहा कि इनका चयन संगठनात्मक ताकत और अवसर की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या आप इस वर्ष, बाद में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव और अगले वर्ष पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ेगी, उन्होंने सीधे कुछ भी कहने से मना किया। गौरतलब है कि 2014 के विधानसभा चुनाव में पंजाब में आप को चार सीटें मिली थीं और पार्टी ने वहां 2017 में चुनाव लड़ने का फैसला किया है। दिल्ली में पार्टी की जबर्दस्त जीत पर योगेन्द्र यादव ने कहा कि ऐसी जीत ने अरविंद केजरीवाल नीत सरकार पर जबर्दस्त दबाव डालने का काम भी किया है और उन्हें उम्मीद है कि वह लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।

योगेन्द्र ने कहा, ”दबाव बहुत अधिक है। जनआकांक्षाओं से बड़ा कोई भार नहीं होता। चुनौती काम करने की है। हालांकि अगर आप लोगों के जीवन स्तर को थोड़ा भी उपर उठा पाते हैं तो वह खुश हो जाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ”शासन के स्तर पर भी बड़ी चुनौती है क्योंकि दिल्ली सामान्य राज्य नहीं है। आप की सरकार को सदन के भीतर और बाहर विपक्ष की आवाज को सुनने में और सचेत रहने की जरूरत है।’’

लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 400 से अधिक सीटों पर चुनाव नहीं लड़ना चाहिए था, केजरीवाल के इन विचारों के विपरीत योगेन्द्र यादव मानते हैं कि इससे आप को अधिकांश राज्यों में जिला स्तर तक संगठन का विस्तार करने में मदद मिली। केजरीवाल कई मौकों पर कह चुके हैं कि इतने अधिक चुनाव क्षेत्रों पर उम्मीदवार उतारना एक भूल थी। योगेन्द्र ने इस बात को पूरी तरह से खारिज किया जिसमें ‘आप’ पर वामपंथ की ओर झुकाव होने का ठप्पा लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई नयी ताकत उभरती है उस पर वाम या दक्षिण का ठप्पा लगाने की कोशिश सबसे पहले होती है। उन्होंने कहा कि आप में समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व है और वह सभी समस्याओं के व्यवहारिक समाधान में विश्वास करती है।