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धर्मनिरपेक्षता एक अकाट्य जरूरत: सोनिया गांधी

By अपनी पत्रिका

November 17, 2014

नई दिल्ली 

देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत को दृढ़तापूर्वक सामने रखने का प्रयास करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कहा कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश के लिए धर्मनिरपेक्षता एक अकाट्य जरूरत है। सोनिया ने यह भी कहा कि धर्मनिरपेक्षता के बिना भारत नहीं हो सकता और यह आदशो’ से कहीं बढ़कर बनी रहेगी। कांग्रेस अध्यक्ष यहां पंडित जवाहर लाल नेहरू की 125वीं जयंती पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री के लिए धर्मनिरपेक्षता आस्था का सवाल था। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता के बिना कोई भारतीयता, कोई भारत नहीं हो सकता ..धर्मनिरेपक्षता आदर्श से बढ़ कर है और रहेगी। भारत जैसे विविधतापूर्ण देश के लिए यह एक अकाट्य जरूरत है। सोनिया ने याद दिलाया कि नेहरू ने एक बार आगाह किया था कि अगर धर्मनिरपेक्षता पर कोई आंच आती है तो वह इसकी रक्षा के लिए अपने जीवन के अंतिम दम तक संघर्ष करेंगे। उन्होंने कहा कि नेहरू के जीवन और कार्यों के बारे में जानकारी हाल के दिनों में तथ्यों को गलत ढंग से रखने और तोड़ मरोड़ कर पेश करने से कमजोर हुई है।

एक आधुनिक भारत के निर्माण के प्रति देश के पहले प्रधानमंत्री के प्रयासों का उल्लेख करते हुए सोनिया ने कहा कि उन्होंने एक मजबूत सार्वजनिक क्षेत्र को विकसित करने के लिए कार्य किया। उन्होंने कहा कि नेहरू की उपलब्धियों का लाभ मिलना जारी है। उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने एक नये बौद्धिक दृष्टिकोण, एक नयी सामाजिक संवेदनशीलता और भारतीय की एक नयी भावना को ढाला।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी के क्षेत्र पर जोर देने में नेहरू की भूमिका को भी याद किया।