नई दिल्ली। विपक्ष की एकता प्रदर्शित करते हुए जनता परिवार में शामिल रहीं छह पार्टियों ने आज यहां आयोजित एक ‘‘महाधरना’’ में मंच साझा किया और भाजपा की ‘‘विभाजनकारी’’ राजनीति को आड़े हाथ लिया। इन पार्टियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह ‘‘झूठ बोल रहे’’ हैं और काले धन के मुद्दे पर अपने चुनावी वादे ‘‘पूरे नहीं कर रहे”। समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव, राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद और जनता दल यूनाइटेड के नेता नीतीश कुमार ने ‘‘पुराने पूर्वाग्रहों को भुलाने’’ का आह्वान किया और भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाकर भारतीय राजनीति में ‘‘एक नई गाथा लिखने’’ का वादा किया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता तारिक अनवर और डीपी त्रिपाठी ने भी मंच साझा किया जबकि ममता बनर्जी ने डेरेक ओ’ ब्रायन के जरिए समर्थन का पत्र भेजा। हालांकि, ‘‘महाधरना’’ स्थल पर ब्रायन नहीं आए। इन पार्टियों के विलय की दिशा में ‘‘पहला ठोस कदम’’ माने जा रहे इस ‘‘महाधरना’’ में जनता दल सेक्यूलर के नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, इंडियन नेशनल लोकदल के दुष्यंत चौटाला और समाजवादी जनता पार्टी के कमल मोरारका ने भी शिरकत की। नेताओं ने याद दिलाया कि जनता परिवार अतीत में तीन गठबंधन सरकारें बना चुका है। उन्होंने मोदी सरकार को याद दिलाया कि उसे सिर्फ ‘‘31 फीसदी वोट’’ मिले हैं और यदि उसने वादे पूरे नहीं किए तो उसे वापस जाना होगा।