चेन्नई। द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ‘सांप्रदायिक सौहार्द का उपहास उड़ाने वाले’ हिंदुत्व संगठनों पर अंकुश लगाने का आग्रह किया। 25 दिसंबर को सुशासन दिवस के तौर पर मनाने के मामले में अन्य पार्टियों के साथ विरोध जताते हुए द्रमुक ने कहा है कि इससे क्रिसमस त्यौहार मनाने में बाधा पैदा होगी। वाराणसी में धर्मांतरण कराने जा रही धर्म जागरण समिति के कथित बयानों का हवाला देते हुए द्रमुक प्रमुख ने हैरानी जाहिर की है कि प्रधानमंत्री जिस निर्वाचन क्षेत्र का खुद प्रतिनिधित्व करते हैं वहां ऐसी चीजें कैसे हो सकती हैं। 91 वर्षीय नेता ने एक बयान में कहा, ‘‘समिति की इसाईयों और मुस्लिमों को हिंदू बनने पर दो से पांच लाख रूपये का प्रलोभन देना भारत में सांप्रदायिक सौहार्द का उपहास है।’’ उन्होंने कहा है, ‘‘अगर प्रधानमंत्री मोदी हस्तक्षेप नहीं करते हैं और ऐसी ताकतों पर अंकुश नहीं लगाते हैं तो भविष्य में एक ऐतिहासिक भूल होगी और उन पर दोष मढ़ा जाएगा।’’ केंद्र के 25 दिसंबर को ‘सुशासन दिवस’ के तौर पर मनाने के प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अपने दायरे में आने वाले नवोदय स्कूलों को उस दिन छात्रों के लिए निबंध प्रतियोगिता कराने को कहा है। उन्होंने कहा केंद्र ने अजीब स्थिति बना दी है क्योंकि छात्र क्रिसमस नहीं मना पाएंगे। नवोदय विद्यालयों को इस कथित निर्देश की आलोचना करते हुए तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ईवीकेएस एलनगोवन ने कहा कि इससे अल्पसंख्यक लोगों की संवेदना को ठेस पहुंचेगी। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह क्रिसमस की महत्ता को घटाना है।’’ एमडीएमके प्रमुख वाइको ने भी इसे वापस लिये जाने की मांग की। बहरहाल, केंद्र सरकार ने संसद में स्पष्ट कर दिया है कि 25 दिसंबर को स्कूल हमेशा की तरह क्रिसमस के लिए बंद रहेंगे और प्रतियोगिता ऑनलाइन तथा ऐच्छिक है।