नई दिल्ली कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कल की किसान रैली की फार्म को जारी रखते हुए आज लोकसभा में भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के मुद्दे को आक्रामक अंदाज में उठाया। आज शुरू हुए बजट सत्र के दूसरे चरण में बोलते हुए राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को आंकड़ों की बात अच्छी तरह समझ में आती है लेकिन वे यह क्यों नहीं समझ पा रहे कि जिस देश के दो तिहाई लोग कृषि पर निर्भर हो, वहाँ किसानों के हितों को नुकसान पहुंचाने वाला फैसला करने का परिणाम अच्छा नहीं हो सकता। राहुल गांधी ने मौजूदा सरकार को उद्योगपतियों और बड़े लोगों की सरकार करार दिया। उन्होंने कहा कि आपकी सरकार सूट-बूट की सरकार है, यह हम सब लोग जानते हैं। इससे पहले उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्होंने (नितिन गडकरी) अपने मन की बात कह दी। श्री गडकरी ने कहा था कि किसानों को सरकार और भगवान दोनों पर भरोसा नहीं करना चाहिए। प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वे विशेषज्ञों को भी झूठा ठहराते हैं। विशेषज्ञ कह रहे हैं कि 40 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कोई कह रहा है कि 106 लाख हेक्टेयर खेती पर फसल का नुकसान हुआ है तो कोई 180 के आंकड़े दे रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी के बयान को कृषि मंत्रालय ही गलत बता रहा है। पीएम मोदी को राहुल गांधी ने सुझाव देते हुए कहा कि पीएम को लोगों के खेत में जाकर असल नुकसान का जायजा लेना चाहिए। मंडी में गेंहू प़ड़ा है लेकिन सरकार उसे ले नहीं रही है। राहुल ने कहा कि हथियारों की बात होती है, लड़ाकू विमान की बात होती है, लेकिन किसानों की बात नहीं। उन्होंने कहा कि जमीनों की कीमत बढ़ती जा रही है और भाजपा सरकार उद्योगपतियों के इशारे पर जमीन लेना चाहती है। पीएम मोदी को सुझाव देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर पीएम मोदी अपना पाला बदल लें तो उन्हें काफी फायदा होगा। उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि किसान और मजदूर शक्ति को चोट पहुंचाकर सरकार ठीक नहीं कर रही है। राहुल ने कहा कि देश की शक्ति किसानों के हाथ में, मजदूरों के हाथ में है। आने वाले समय में किसान चोट पहुचाएंगे। सरकार ने उद्योगपतियों से वादे किये हैं। उद्योगपतियों के हाथों में देश की शक्ति नहीं है।