आम आदमी पार्टी में गत बीस दिनों से चल रहा उठा-पटक आज खुलेआम हो गयी। आप में चल रही सुलह की सारी कोशिशें नाकाम होने के बाद योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने एक प्रेसवार्ता कर पार्टी नेतृत्व पर प्रहार किया । योगेंद्र यादव ने कहा कि बीते एक महीने में बहुत कुछ टूटा है, विश्वास टूटा है, कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत हुई हैं । उन्होंने कहा, देश को ‘आप‘ से बहुत उम्मीदें हैं,सिर्फ आप में ही आंतरिक लोकतंत्र पर चर्चा होती है। पार्टी किसी एक शख्स की नहीं, आंदोलन से खड़ी हुई पार्टी है ।
श्री यादव ने कहा कि यह आंदोलन को आत्मा की बचाने की लड़ाई है । हमने मर्यादा तोड़े जाने, फंडिंग, शराब बांटने, खरीद-फरोख्त करने की पार्टी की आंतरिक लोकपाल से जांच की मांग की । ये कोई मुद्दा नहीं है कि प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव किसी समिति में रहें या न रहें । उन्होंने कहा कि पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक कौन होगा ये मुद्दा है ही नहीं, हमने कभी भी इस मुद्दे को नहीं उठाया, पार्टी के संविधान के तहत राष्ट्रीय परिषद वह जगह नहीं है, जहां पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के मुद्दे पर फैसला हो । कल की बैठक एक पड़ाव भर है ।
प्रशांत भूषण ने कहा कि अरविंद की तरफ से बार-बार जोर दिया जा रहा है कि या तो ये लोग त्यागपत्र दे दें या मैं (केजरीवाल) दिल्ली में अपने 67विधायकों के साथ अलग पार्टी बना लूं । भूषण ने आरोप लगाया कि केजरीवाल 2013 के विधानसभा में किसी भी पार्टी को बहुमत न मिलने से दिल्ली में दोबारा सरकार बनाना चाहते थे और वह कांग्रेस को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे । भूषण ने कहा कि अगर हमारी मांगें मान ली जाए तो हम त्यागपत्र देने को तैयार हैं ।