मध्यप्रदेश में बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए 7 अप्रैल से मिशन इंद्रधनुष शुरू किया जा रहा है। इस अभियान के तहत 2 वर्ष तक सभी बच्चों को टीकाकरण की संपूर्ण खुराक दी जाएगी। प्रदेश में यह मिशन दो चरणों में चलेगा। इसका प्रथम चरण 7 अप्रैल से शुरू हो रहा है, जिसमें राज्य के 15 जिलों को शामिल किया गया है। मध्यप्रदेश समेत देश के 28 राज्यों के 201 जिलों में यह कार्यक्रम एक साथ चलाया जाएगा।
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ऐसे बच्चे जो किन्हीं कारणों से टीकाकरण से छूट जाते हैं अथवा आंशिक रूप से ही टीकाकरण का लाभ प्राप्त कर पाते हैं। उनके टीकाकरण हेतु मिशन इन्द्रधनुष का संचालन सराहनीय प्रयास है। जन्म से 2 वर्ष तक के बच्चों तथा गर्भवती माताओं का टीकाकरण मिशन के तहत किया जाएगा। इसके लिए नियमित टीकाकरण के अतिरिक्त प्रत्येक माह की 7 तारीख से 7 दिन के लिए 7 जानलेवा बीमारियों के टीकाकरण किए जाएंगे।
हिस जानकारी के मुताबिक अभियान का संचालन उन क्षेत्रों में किया जाएगा, जहां सम्पूर्ण टीकाकरण न हो पाने या आंशिक टीकाकरण के कारण शत्-प्रतिशत् बच्चों का टीकाकरण नहीं हो पाया है। इसके लिए ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित कर व्यापक जन जागरूकता अभियान तथा सूचना तंत्र को प्रभावी बनाया जाएगा। जिसे मिशन इन्द्रधनुष के तहत विशेष 4 चरणों में टीकाकरण कार्यक्रम का संचालन कर बढ़ाना है। इस मिशन का उद्देश्य है, हम पहुंचे उन तक जो न पहुंचे हम तक।
मिशन इन्द्रधनुष एक अत्यंत महत्वाकांक्षी प्रयास है, जिसका उद्देश्य टीकाकरण के माध्यम से बच्चों एवं गर्भवती माताओं को रोग-प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करना है। इस मिशन का संचालन योजनाबद्ध तरीके से किया जाएगा। जिन क्षेत्रों में टीकाकरण से बच्चे वंचित हैं, उनका चिन्हांकन कर सूची तैयार की जाएगी तथा जिला स्तर पर रणनीति तैयार कर लक्ष्य को प्राप्त किया जाएगा। इस कार्य में संलग्न मानव संसाधन के प्रभावी प्रशिक्षण पर जोर दिया जाएगा तथा टीकाकरण हेतु आवश्यक वैक्सीन, कोल्ड चैन की व्यवस्था, मॉनीटरिंग एवं रिपोर्टिंग की बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी।