नई दिल्ली आप की एक रैली के दौरान लोगों के हुजूम के बीच पेड़ से लटक कर दो दिन पहले राजस्थान के एक किसान की खुदकुशी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समारोह स्थगित नहीं करने के लिए आज माफी मांगी और स्वीकार किया कि भाषण जारी रखना एक ‘भूल’ थी। इस मुद्दे पर चौतरफा आलोचना का सामना कर रहे आप प्रमुख ने मीडिया और विपक्षी पार्टियों की भी निंदा की और कहा कि किसानों की दुर्दशा को लेकर बहस ‘वास्तविक मुद्दे’ से भटक गयी है। आप के बारे में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि रैली के लिए एकत्र भीड़ ‘ताली’ बजा रही थी और ‘नारा लगा’ रही थी जिसके कारण किसान गजेन्द्र सिंह पेड़ पर चढ़ गया और खुदकुशी कर ली। उन्होंने पार्टी पर सिंह को खुदकुशी करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया। इस मामले में जिम्मेदारी तय करने के लिए न्यायिक जांच की मांग करते हुये कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई नेताओं ने कहा कि इस मसले को लेकर पुलिस खुद कठघरे में है और वह खुद की जांच नहीं कर सकती है। खड़गे ने कहा कि समारोह को लेकर केजरीवाल और दिल्ली पुलिस के गृह मंत्रालय को विरोधाभासी बयान देने को लेकर मामले की न्यायिक जांच करवाना आवश्यक है। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने केजरीवाल को याद दिलाया कि जब वह ‘धरना की राजनीति’ कर रहे थे, उस समय वह विपक्ष में नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘‘दोषारोपण के बजाय एक मुख्यमंत्री के तौर पर उनका बयान अधिक जिम्मेदारी वाला होना चाहिए। किसी की खुदकुशी या मौत पर राजनीति करना सही नहीं है।’’ आप नेताओं द्वारा दिल्ली पुलिस पर तीखा हमला किये जाने के एक दिन बाद केजरीवाल ने अपने लहजे में नरमी लाते हुये कहा कि रैली में मंच से लगातार अनुरोध करने पर भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह नहीं कहना चाहिए कि सभी पुलिसकर्मी बुरे हैं। आरोप-प्रत्यारोप में नहीं उलझना चाहिए। मैं मानता हू कि अगर पुलिस को थोड़ा सा भी आभास होता तो वह उसे बचाने का प्रयास करती। उन्होंने वाकई में ऐसा नहीं सोचा होगा कि वहां पर इस तरह की घटना होगी।’’ आप नेता संजय सिंह ने कहा था, ‘‘दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल कर आप को निशाना बनाने की केन्द्र सरकार की चाल है.. जब यह हुआ तब मीडिया ने घटना को रिकार्ड किया और सच्चाई को दिखाने के लिए टेप को जनता में जारी किया जाना चाहिए।’’ सार्वजनिक रूप से भूमि विधेयक की निंदा करने वाले केजरीवाल ने ‘जबरन भूमि अधिग्रहण’ पर रोक, ‘अधिकार’ के तौर पर फसलों के नुकसान के लिए उचित मुआवजा और स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू किये जाने पर ध्यान केन्द्रित किये जाने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो दिनों से जो कुछ भी हो रहा है वह सही नहीं है। इस मुद्दे को टुकड़ो-टुकड़ों में ना बांटे। इससे आपको टीआरपी मिल जाएगी लेकिन किसानों को इससे कुछ नहीं मिलेगा।’’ केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैंने मुआवजे के रूप में जो राशि घोषित की है उससे दिल्ली के किसान खुश हैं।’’ विवादास्पद विधेयक के खिलाफ आप की रैली में हुयी घटना के बाद का जिक्र करते हुये केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं कहता हूं कि यह घटना दिल्ली के मुख्यमंत्री के सामने हुयी। मैं पूरी रात सो नहीं पाया।’’ केजरीवाल ने एक समाचार चैनल से कहा, ‘‘मैं एक घंटा लंबा भाषण देने वाला था लेकिन मैंने 10-15 मिनट में भाषण समाप्त किया। मुझे लगता है कि यह मेरी गलती थी। संभवत: मुझे नहीं बोलना चाहिए था। अगर किसी की संवेदनाओं को ठेस लगी है तो मैं माफी चाहता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं दोषी हूं। मुझे दोष दो। मुझे लगता है कि रैली रोक देनी चाहिए थी। कृपया किसानों के वास्तविक मुद्दे पर ध्यान केन्द्रित करें और राजनीति नहीं करें। जो कोई भी दोषी हो उसे फांसी दे दो लेकिन बहस इस पर केन्द्रित होना चाहिए कि किसान खुदकुशी क्यों कर रहे हैं।’’ घटना की जांच पर दिल्ली पुलिस के साथ उनकी सरकार के टकराव को ज्यादा अहमियत नहीं देते हुये केजरीवाल ने कहा कि अगर जरूरत हुयी तो वह पुलिस के समक्ष अपना बयान देने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जिला मजिस्ट्रेट का अधिकार क्षेत्र सीआरपीसी के तहत जांच करने का है और पुलिस एफआईआर के आधार पर आपराधिक जांच करती है.. अगर पुलिस मुझे बुलाती है तो मैं अपना बयान दर्ज कराने के लिए जाउंगा।’’ गुरुवार को विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा में इस मुद्दे को लेकर हंगामा किया था और सदन की कार्यवाही रोकनी पड़ी थी। केन्द्र ने कहा कि वह मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।