नयी दिल्ली। एक विशेष अदालत ने सीबीआई से राज्यसभा सदस्य विजय दर्डा और अन्य की संलिप्तता वाले कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में कथित घोटाले की आगे जांच करने का निर्देश दिया। इस मामले में एजेंसी ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पराशर ने सीबीआई से 19 दिसंबर को उसकी जांच की प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मेरे विस्तृत आदेश को देखिए, मामले को आगे जांच के लिए भेजा गया है।’’ सीबीआई ने मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी।
एजेंसी ने इससे पहले जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड, इसके निदेशकों विजय दर्डा, उनके बेटे देवेंद्र दर्डा, राजेंद्र दर्डा, मनोज जायसवाल, आनंद जायसवाल और अभिषेक जायसवाल तथा अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। सीबीआई ने आईपीसी की धाराओं 420 (धोखाधड़ी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत छह व्यक्तियों, कंपनी और अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। हालांकि, बाद में एजेंसी ने मामले में यह कहते हुए क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी कि कोयला ब्लॉकों के आवंटन में कोयला मंत्रालय द्वारा जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड को कोई अनुचित फायदा नहीं पहुंचाया गया।
अपनी क्लोजर रिपोर्ट में एजेंसी ने कहा था कि कोयला मंत्रालय और जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड के निदेशकों के बीच धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश साबित करने को लेकर कुछ भी ठोस सबूत नहीं मिला। इससे पहले सीबीआई ने अपनी एफआईआर में आरोप लगाया था कि जेएलडी यवतमाल ने 1999-2005 में अपनी सहायक कंपनियों को पूर्व में चार कोयला ब्लॉक आवंटन मिलने के बारे में तथ्यों को छिपाया। क्लोजर रिपोर्ट में एजेंसी ने कहा कि अगर उसने इसका खुलासा किया भी होता तो कोयला ब्लॉक पाने के लिए वह अयोग्य नहीं होती।
रिपोर्ट में कहा गया कि जांच से साबित नहीं होता कि पूर्व के कोयला ब्लॉक की घोषणा नहीं करने को लेकर जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड को कोयला मंत्रालय से कोई अनुचित फायदा मिला। क्लोजर रिपोर्ट पर सुनवाई के दौरान सीबीआई अभियोजक ने अदालत के समक्ष आवेदन में कहा था कि विजय दर्डा ने जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड को कोयला ब्लॉक आवंटन के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और अन्य को कई पत्र लिखे थे। सीबीआई के जांच अधिकारी ने अदालत से यह भी कहा था कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जेएलडी यवतमाल एनर्जी लिमिटेड को कोयला ब्लॉक आवंटन करने की सिफारिश नहीं की थी। फतेहपुर पूर्व कोयला ब्लॉक छत्तीसगढ़ में स्थित है।