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कनाडा में इंदिरा गांधी की हत्या वाली झांकी दिखाने का क्या मतलब ?

By अपनी पत्रिका

June 08, 2023

Indira Gandhi Assassination : कनाडा में देश की भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की झांकी निकालने का क्या मतलब है ? हालांकि इस मामले पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने गुरुवार को भारत का रुख साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि यहां बड़ा मुद्दा कनाडा की जमीन का भारत विरोधी चीजों के लिए इस्तेमाल का है। उन्होंने कहा कि भारत विरोध के लिए कनाडा का इस्तेमाल होना, न हमारे रिश्तों के लिए ठीक है और न उनके लिए ठीक है।

इस मामले पर विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इस मुद्दे पर मैं यही कह सकता हूं… उल्टा चोर कोतवाल को डांटे. विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि अगर किसी को शिकायत है तो हमको है, क्योंकि कनाडा खालिस्तान समर्थकों को अपनी जमीन का इस्तेमाल करने दे रहा हूं। उनका बयान सुनकर मुझे बहुत आश्चर्य हुआ। दरअसल, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉडी थॉमस ने एक बयान में कहा था कि भारत उनके देश के आंतरिक मामलों में हस्‍तक्षेप करता है।

कनाडा में फंसे छात्रों को लेकर जयशंकर ने कही ये बात

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कनाडा में पढ़ाई करने वाले भारत के करीब 700 छात्रों पर स्वदेश वापसी का खतरे पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘छात्रों को सजा देना गलत है। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने सदन में बयान दिया। है उनके अधिकारी हमारे उच्चायोग के साथ संपर्क में हैं। उम्मीद है निष्पक्षता के साथ व्यवहार होगा.’ दरअसल, इन सभी छात्रों पर फर्जी ऑफर लेटर के माध्यम से एडमिशन लेने का आरोप लगा है।

देश में राहुल गांधी की एक बात नहीं चलती- विदेश मंत्री

उन्होंने कहा, ‘दुनिया देख रही है कि भारत एक मजबूत लोकतंत्र है, लेकिन राहुल गांधी जब बाहर जाते है तो इसकी आलोचना में बोलते हैं, क्योंकि जब देश में उनकी बात नहीं चलती है तो उनको लगता है विदेश में इसके खिलाफ समर्थन हासिल किया जा सके.’

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये तमाम बातें मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं. उन्होंने कहा कि बीते 9 साल में विदेश नीति ने कई अहम आयाम तय किए हैं। इसके दो अहम पहलू हैं कि दुनिया भारत को कैसे देखती है और भारत की विदेश नीति ने देश के लोगों के लिए कैसे सहूलियत बढ़ाई है।

भारत को मान रहे विकास का साझेदार- एस जयशंकर

उन्होंने कहा कि दुनिया में और खासतौर पर ग्लोबल साउथ के देश भारत को अपने हितों की एक प्रमुख आवाज के तौर पर देखते हैं. अपने विकास का सहयोगी मानते हैं. उन्होंने कहा, ‘हाल ही में नामीबिया को हमने परम सुपर कम्प्यूटर दिया. कीनिया में भारत ने देश की सबसे अहम टेक्सटाइल फैक्ट्री को चालू करने में मदद की. ऐसे कई अनुभव मेरे ही नहीं विदेश मंत्रालय के अन्य सहयोगियों के भी हैं. दुनिया के बहुत से देश हमें विकास साझेदार के तौर पर देखते हैं. इसने भारत का कद बढ़ाया है.’

दुनिया में बढ़ा भारत का कद- विदेश मंत्री

एस जयशंकर ने कहा, ‘भारत की आर्थिक भूमिका भी बढ़ी है। भारतीय अर्थव्यवस्था का रोल तेजी से बढ़ रहा है. संकट के समय सबसे पहले हाथ बढ़ाने वाले देश के तौर पर भारत का कद बढ़ा है। वैक्सीन मैत्री ने भारत की छवि बढ़ाई है। आज भी दुनिया में लोग भावुक होकर उसके बारे में बात करते हैं. तुर्किये के भूकंप में हमने मदद पहुंचाई। श्रीलंका के संकट में भी हमने समय रहते कदम उठाए।

उन्होंने कहा, ‘दुनिया के बड़े प्रयासों में भारत की भूमिका बढ़ी है। चाहे सोलर अलायंस हो या फिर जलवायु परिवर्तन का मुद्दा या मिशन लाइफ. हमने कई प्रयास किए हैं, जिनपर वैश्विक सहमति है.’

पड़ोसी देशों को दिया स्पष्ट संदेश- जयशंकर

विदेश मंत्री ने कहा, ‘जब हम उत्तरी सीमा पर चीन के मुकाबले खड़े होते हैं तो एक स्पष्ट संदेश जाता है कि हम बल प्रयोग, गलत नैरेटिव के मुकाबले स्पष्ट रवैये और मजबूत नीति के साथ खड़े होते हैं। बांग्लादेश के साथ सीमा समझौते ने पूर्वोत्तर राज्यों में शांति-स्थायित्व और विकास को बढ़ाने में मदद की है.’

उन्होंने कहा, ‘मोबिलिटी और अपॉरचुनिटी के मोर्चे पर भी हमने भारत के लोगों के लिए बेहतर अवसर और सहूलियत बढ़ाने की कोशिश की है। आज भारतीय पेशेवरों और रोजगार के लिए जाने वाले लोगों के लिए अवसर बेहतर हुए हैं। 2014 में जहां पासपोर्ट सेवा केंद्र 100 से कम थे, आज उनकी संख्या 500 से अधिक हो चुकी है.’