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शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर की गुंडागर्दी कैमरे में कैद, निजी स्कूल की शिकायत पर कारर्वाही नहीं कर रहा है थाना मौर्य एनक्लेव

By अपनी पत्रिका

March 13, 2023

सरकारी विभागों की मिलीभगत और मनमानी कैसे आम इंसान को बेबस बनती है इसका एक उदाहरण शिक्षा विभाग के नॉर्थ वेस्ट जोन 11 और थाना मौर्य एन्क्लेव में देखने को मिला। इस खबर में पढ़िए लोग कैसे गुंडागर्दी कर रहे हैं और जवाब तलाशिए कि इन भ्रष्ट और बदमाश विभागों का इलाज आखिर क्या है-

नई दिल्ली, 13 मार्च। दिल्ली के शिक्षा विभाग के नॉर्थ जोन -11 में तैनात डिप्टी डायरेक्टर डॉ राकेश राही की लड़ते झगड़ते और गुंजागर्दी करने वाली तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इन तस्वीरों और वीडियो को देखकर कौन कह सकता है की ये जनाब देश के सबसे अच्छे शिक्षा मॉडल कहे जानी वाले दिल्ली के शिक्षा विभाग में एक बड़े अधिकारी है। यह मनुज शर्मा नामक शख्स पर गाडी चढाने की बात कह रहे हैं। मनुज शर्मा का कसूर केवल  इतना है कि वह एक बड़े निजी स्कूल की शिकायत लेकर इस कार्यालय पर पहुंचा था लेकिन जैसे ही इन जनाब ने मनुज को गेट पर देखा वे तुरंत आग बबूला हो गए और अपने कर्मचारियों को शिकायतकर्ता को मारपीट कर भगाने के आदेश देने लगे। उस पर गाडी चढाने के आदेश देने लगे। यह ड्रामा करीब आधा घंटे तक शिक्षा विभाग के इस जोन में चलता रहा। इस झड़प और झगडे में डॉ राकेश राही ने मनुज की अँगुलियों को ऐसे मरोड़ा की वह दर्द से चिल्ला उठा। इस आखिरकार मनुज शर्मा ने पुलिस की पीसीआर पर कॉल किया। इससे पहले की पुलिस मौके पर पहुँचती राकेश राही कार्यालय से भाग खड़े हुए। इस सारे झगड़े में मनुज की अंगुली टूटते -टूटते  बची।

अब आप सोच रहे होंगे की आखिर माजरा क्या है ? क्यों इतने बड़े अधिकारी इतनी छोटी और ओछी हरकत पर उतर आयें है। सभ्य, शिक्षित और समझदार अधिकारी होने की उम्मीद की जाने चाहिए वह गुंडों जैसी हरकतें  कर रहा हो तो कारण बड़ा होगा। तो कारण है एक निजी स्कूल को बचाना। बकौल मनुज उनका एक निजी स्कूल से संबंधित विवाद चल रहा था। जब मनुज शिक्षा विभाग में शिकायत करने पहुंचे तो डिप्टी डायरेक्टर ने उनसे करवाई करने के  लिए दो लाख रुपये की रिश्वत मांगी। जब इसकी शिकायत की गई तो वे बौखला गए और मारपीट पर उतर आए। अब एक शिक्षा अधिकारी एक निजी स्कूल को क्यों बचाना चाहता है यह समझना मुश्किल नहीं होगा।

बात केवल इतनी नहीं है कि  मनुज को मामूली चोटे आई हैं। मामला  शिक्षा विभाग और दिल्ली पुलिस के थाना मौर्य एन्क्लेव की बीच मिलीभगत और मनमानी का भी है। नॉर्थ ज़ोन -11 एक निजी स्कूल पर इतना मेहरबान है कि वह पीएमओ, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और सीबीएसई तक के आदेशों को ठेंगा दिखा रहा है। जब स्कूल पर करवाई का दबाब बढ़ा तो शिकायतकर्ता से स्कूल के खिलाफ करवाई करने के नाम पर रिश्वत मांग ली गयी। इसकी शिकायत थाना मौर्य एन्क्लेव में की गयी। इस पर थाना पुलिस तो शिकायत पर कुंडली मारकर बैठ गयी, लेकिन राही बिफर गए और इन हरकतों पर उतर आये। अब अपने ऊपर हुए हमले की वीडिओ फूटेज़ के साथ मनुज शर्मा ने फिर इसकी शिकायत मौर्य एन्क्लेव थाना पुलिस की है। पुलिस ने शिकायत के बाद मनुज शर्मा का मेडिकल कराने की खाना पूर्ति तो की है लेकिन घटना के 15 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस  मामला दर्ज़ करने को तैयार नहीं है। उलटे अब शिकायतकर्ता हो ही धमका रही है कि वह डॉ राकेश राही के साथ समझौता कर ले वरना उसके खिलाफ ही सरकारी काम में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज़ हो जाएगा। इस धमकी के बावजूद शिकायतकर्ता मनुज शर्मा  अपनी शिकायत वापस ली और न ही थाना पुलिस ने ही मामला दर्ज़ किया। शिक्षा विभाग भी इस पर मौन है। इस बारें में जिला पुलिस  उपयुक्त से भी बात की लेकिन उनसे सम्पर्क नहीं हो पाया। अब ऐसे में सवाल  है कि थाना पुलिस और शिक्षा विभाग की इस दादागिरी का इलाज क्या है ? क्या आम जनता यूं ही अपनी शिकायत के समाधान के लिए भटकती रहेगी और यूं ही पिटती रहेगी।