Friday, April 19, 2024
Homeअन्यSahara Protest : तो क्या 29 मई के प्रोटेस्ट को प्रभावित करेगा...

Sahara Protest : तो क्या 29 मई के प्रोटेस्ट को प्रभावित करेगा नागेंद्र-अभय विवाद ?

भले ही 29 मई को ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा का निवेशकों के भुगतान को लेकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बड़ा प्रोटेस्ट हो। पर चर्चा का विषय संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय देव शुक्ल महासचिव नीरज शर्मा और उपाध्यक्ष नागेंद्र कुशवाहा के बीचा मचा घमासान है।

नागेंद्र कुशवाहा ने न केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं बल्कि महासचिव को भी नहीं बख्शा है । नागेंद्र कुशवाहा जहां अभय देव शुक्ला को दूसरा सुब्रत बताकर पहले उनसे निपटने की बात कर रहे हैं वहीं अभय देव शुक्ला ने कुशवाहा के इस्तीफे को संगठन के खिलाफ साजिश करार देते हुए सुब्रत रॉय से मिलने का आरोप लगाया है।
अभय देव शुक्ला का आरोप है कि नागेंद्र कुशवाहा ने पहले से ही संगठन में रहते हुए अपने एक एनजीओ का रजिस्ट्रेशन कराकर संगठन को तोड़ने का षड्यंत्र रचा।  अभय देव शुक्ला का आरोप है कि यह सब 29 मई के आंदोलन को विफल ाकरने के लिए किया गया है पर आंदोलन विफल नहीं होगा। उधर नागेंद्र कुशवाहा ने अभय देव शुक्ला के आरोपों को निराधार बताते हुए  कहा कि वह ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष मोर्चा से जुड़ने से पहले एनजीओ विश्व भारती जनसेवा संस्थान के गठन की शुरुआत कर चुके थे। उन्होंने एनजीओ से जुड़े लोगों के साथ मिलकर रांची में एक पीआईएल भी दायर की है।


उधर नीरज शर्मा और नागेंद्र कुशवाहा की चैटिंग में एक डी दूसरे को देखने की बात भी सामने आ रही है। इस चेटिंग में नागेंद्र कुशवाहा नीरज शर्मा को अपने निजी परिवार के बारे में उनके डिजिटल चैनल देने पर उनके खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही की बात कर रहे हैं तो नीरज शर्मा उन पर सोशल मीडिया पर उनको लेकर अनाप शनाप कहने का आरोप लगा रहे हैं।इसी बीच ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष मोर्चा के महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजिता मिश्रा ने तेलंगाना पुलिस के मोर्चा के रस्जिट्रेशन के दस्तावेज मांग रही है और अभय देव शुक्ल कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे रहे हैं। नागेंद्र कुशवाहा और पूजिता मिश्रा के बीच हुई बातचीत का एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है।
नागेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि दूसरा सुब्रत राय जो पैदा हो गया है। पहले उससे निपटना होगा। उन्होंने कहा कि वह ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष मोर्चा से अगस्त 2022 में जुड़े हैं और उनकी एनजीओ बनाने की शुरुआत जनवरी 2022 से ही शुरू हो चुकी थी। 2021 से उन्होंने भुगतान को लेकर लीगल कार्यवाही शुरू कर दी थी।

दरअसल ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष मोर्चा के गठन के बाद से ही संगठन में बगावत शुरू हो गई थी। अगस्त 2022 में दिल्ली जंतर मंतर पर हुए आंदोलन में ही बीके श्रीवास्तव, अमन श्रीवास्तव, जयप्रकाश दुबे,  इंद्रवर्धन राठौर ने बगावत कर दी थी। उसके बाद गत दिनों लीगल एडवाइजर और राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल सिंह ने बगावत की। उसके बाद राष्ट्रीय महासचिव संतोष अग्रवाल और अब राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नागेंद्र ने खुली बगावत अभय देव शुक्ला से कर रखी है। बगावती लोग अभय देव शुक्ल पर चंदे का हिसाब न देने और चंदा अपने खाते में मंगाने का आरोप लगा रहे हैं। सोशल मीडिया पर नागेंद्र कुशवाहा और अभय देव शुक्ल का विवाद खूब वायरल हो रहा है। कुल मिलाकर इस विवाद से आंदोलन को नुकसान और सहारा प्रबंधन को फायदा हो रहा है। यदि सहारा निवेशकों के लिए सेबी से 5000 करोड़ रुपए रिलीज हुए हैं तो इसमें आंदोलन का बड़ा योगदान माना जा रहा है।  चाहे ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा का मामला हो या फिर ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार का। दोनों ही संगठनों ने अपने अपने स्तर से अहम् भूमिका निभाई है। अब देखना यह होगा कि नागेंद्र कुशवाहा और अभय देव शुक्ला का यह विवाद किस ओर जाता है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments