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‘अधिसूचना’ के खिलाफ आप सरकार का प्रस्ताव पेश

By अपनी पत्रिका

May 26, 2015

नई दिल्ली   आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में आज केंद्र की उस अधिसूचना के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया जिसमें राष्ट्रीय राजधानी के वरिष्ठ नौकरशाहों के तबादले एवं तैनाती को लेकर पूरी शक्ति उप राज्यपाल को देने तथा केंद्र सरकार के कर्मचारियों की जांच करने को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को रोकने बात की गई थी। प्रस्ताव पेश करते हुए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अधिसूचना जारी किया जाना उस ‘सबसे बड़े जनादेश’ का ‘अपमान’ है जो दिल्ली की जनता ने विधानसभा चुनाव के समय दिया था। सिसोदिया ने अधिसूचना को संविधान का उल्लंघन करने वाला कदम करार देते हुए कहा कि सरकार ने सदन के समक्ष यह प्रस्ताव पेश किया है क्योंकि लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार के ‘अधिकारों पर अंकुश लगाने’ के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कल केंद्र सरकार कह सकती है कि पानी के स्रोत पर आपका अधिकार नहीं है इसलिए आप पानी की आपूर्ति शहर में नहीं कर सकते। अधिसूचना जारी किया जाना दिल्ली की जनता के सबसे बड़े जनादेश का अपमान है।’’ आप सरकार ने केंद्र की अधिसूचना पर चर्चा के लिए दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय आपात सत्र बुलाया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से 21 मई को जारी अधिसूचना में कहा गया था कि उपराज्यपाल को सेवाओं, सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और जमीन से जुड़े मामलों में अधिकार होगा और वह अपने ‘‘विवेक’’ का इस्तेमाल कर सेवाओं के मुद्दे पर जरूरी समझने पर मुख्यमंत्री से सलाह कर सकते हैं। वरिष्ठ नौकरशाह शकुंतला गैमलिन को उपराज्यपाल द्वारा दिल्ली का कार्यवाहक मुख्य सचिव नियुक्त करने पर पिछले हफ्ते सत्तारूढ़ आप और जंग के बीच जोरदार संघर्ष हुआ। केजरीवाल ने उपराज्यपाल के अधिकारों पर सवाल खड़े किए थे और उन पर प्रशासन चलाने का प्रयास करने के आरोप लगाए थे। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को फैसला दिया था कि एसीबी के पास पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार करने का अधिकार है और अदालत ने एक हेडकांस्टेबल की याचिका को खारिज कर दिया जिसे एसीबी ने भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस सीधे तौर पर गृह मंत्रालय के अधीन काम करती है। इसकी अधिसूचना ने एसीबी को दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार के किसी भी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई से रोक दिया था। उच्च न्यायालय का फैसला वरिष्ठ अधिकारियों के पदस्थापन और स्थानांतरण के साथ ही कुछ अन्य विवादास्पद मुद्दों पर आप की सरकार और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच तीखे संघर्ष के बीच आया है। सिसोदिया ने कहा कि अगर केंद्र सरकार अधिकार छीनती है तो दिल्ली सरकार खामोश नहीं बैठेगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि विधानसभा अधिसूचना पर चर्चा करे और फैसला करे कि क्या वह चुप रहेगी। यह विधानसभा सिर्फ यहां बैठे 70 लोगों से नहीं बनती है। यह दिल्ली के लाखों मतदाताओं के जरिए बनती है।’’ केंद्र की ओर से अधिसूचना जारी होने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र पर सीधा हमला बोला था।