अपनी पत्रिका ब्यूरो
नोएडा । जनपद में 20 फरवरी से शुरू हुए सक्रिय क्षय रोगी खोज (एसीएफ) अभियान में 27 फरवरी तक टीबी के 13 नये रोगी मिले हैं। इन सभी का उपचार शुरू हो गया है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. शिरीष जैन ने बताया- सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान पांच मार्च तक चलेगा। यह अभियान दो चरणों में चलाया जा रहा है। 20 से 23 फरवरी तक चले पहले चरण में टीबी के दो रोगी मिले। यह अभियान वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, मदरसों, कारागार आदि में चलाया गया था। इसके बाद 24 फरवरी से घर-घर जाकर सक्रिय क्षय रोगी खोजे जा रहे हैं। इसमें 27 फरवरी तक 11 नये रोगी मिल चुके हैं। अभियान में 200 टीम के 600 सदस्य घर-घर जाकर क्षय रोगी खोजने के लिए स्क्रीनिंग कर रहे हैं। 40 सुपरवाइजर टीम की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि घर पर आने वाली टीम का सहयोग करें और उन्हें बीमारी के बारे में सही जानकारी उपलब्ध कराएं। टीबी के हर मरीज की पहचान होना जरूरी है। यदि लगातार दो हफ्तों से ज्यादा खांसी, खांसी के साथ खून का आना, छाती में दर्द और सांस का फूलना, वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस करना, शाम को बुखार आना और ठंड लगना जैसे लक्षण हैं तो टीम को जानकारी दें और अपनी जांच अवश्य करवाएं। जांच के उपरांत तुरंत उपचार शुरू होने से आस—पास के लोगों में टीबी फैलने की संभावना लगभग न के बराबर रह जाती है। इसलिए टीबी का छिपाएं नहीं तुरंत जांच कराकर उपचार कराएं।
डा. जैन ने बताया- 24 फरवरी से शुरू हुए घर-घर क्षय रोगी खोज अभियान में अब तक (27 फरवरी तक) करीब 1.79 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गयी। टीबी से मिलते-जुलते लक्षण वाले 305 लोगों के बलगम सैंपल लिये गये और जांच में 11 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई। पहले चरण में 3523 लोगों की स्क्रीनिंग हुई, 169 सैंपल लिये गये, जिसमें दो लोग टीबी के मरीज पाये गये। उन्होंने बताया जनपद में वर्तमान में टीबी के 6334 मरीज हैं जिनका उपचार चल रहा है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक अम्बुज पांडेय ने बताया- अभियान के दूसरे चरण के पहले दिन (24 फरवरी) 43934 लोगों की स्क्रीनिंग हुई, 53 सैंपल जांच, एक व्यक्ति में टीबी की पुष्टि हुई। दूसरे दिन 44559 लोगों की स्क्रीनिंग 85 सैंपल लिये, आठ नये मरीज मिले। तीसरे दिन 45057 लोगों की स्क्रीनिंग, 75 सैंपल जांच, कोई भी पॉजिटिव नहीं पाया गया। चौथे दिन 45658 लोगों की स्क्रीनिंग 92 बलगम सैंपल लिये गये, जांच में दो लोग टीबी के मरीज पाये गये।