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Killing of Tillu Tajpuria : आखिर कब तक सवालों की बौछारें झेलती रहेगी तिहाड़ जेल ? जेल प्रशासन के साथ ही दिल्ली सरकार के लिए भी है शर्मनाक

By अपनी पत्रिका

May 02, 2023

चरण सिंह राजपूत 

बदमाशों के बारे में यह बात प्रचलित है कि उन्हें जब एनकाउंटर का खतरा होता है तो छोटा मोटा केस कर जेल में चले जाते हैं। दिल्ली की तिहाड़ जेल बदमाशों के लिए सुरक्षित मानी जाती है। यही वजह थी कि टिल्लू को मंडोली जेल में खतरा होने की वजह से तिहाड़ जेल में लाया गया था। मंडोली जेल में उसकी हत्या की आशंका जताई जा रही थी पर तिहाड़ जेल में भी उस पर हमला हो  गया। मतलब तिहाड़ जेल भी अब सुरक्षित नहीं है। तिहाड़ जेल में भी कभी भी कुछ भी हो सकता है। दरअसल मंडोली जेल में गोगी की हत्या के बाद टिल्लू सुरक्षा के लिहाज से तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया था। दरअसल मंडोली जेल में गोगी गैंग के लोग मौजूद थे। टिल्लू तिहाड़ जेल में इतनी हाई सिक्योरिटी में था कि वहां पर परिंदा भी पर नहीं मार सकता था। ऐसे में प्रश्न उठता है कि तो फिर उस पर हमला कैसे हो गया ? इसका मतलब तिहाड़ जेल में पुलिस व्यवस्था पर बदमाशों की रणनीति हावी है।  तो टिल्लू पर हमला गोगी गैंग ने किया था ?

यदि तिहाड़ जेल प्रशासन की मानी जाये तो टिल्लू पर हमला गोगी गैंग ने किया था। देखने की बात यह है कि टिल्लू पर हमला करने वाले चारों बदमाश जेल नंबर 9 की फर्स्ट फ्लोर वाली जेल में कैद थे। तो क्या चारों ने रात में प्लानिंग बनाई थी ? काफी दिनों से चल रही थी टिल्लू पर हमले की प्लानिंग ?जानकारी के अनुसार टिल्लू पर हमले की प्लानिंग बहुत दिनों से चल रही थी। बदमाश इस फ़िराक में थे कि टिल्लू पर हमला कैसे किया जाये ? इसके लिए इन बदमाशों पर जेल की सलाखें तोड़ी। ऐसे में प्रश्न उठता है कि आखिर जेल अधिकारियों को सलाखें तोड़ने का पता क्यों नहीं चला ?  या फिर जेल में बंद कैदियों को इनकी प्लानिंग की जानकारी नहीं थी क्या ? यह अपने आप में दिलचस्प है कि जिन सलाखों के पीछे बदमाशों को बंद किया गया था उन सलाखों को ही इन बदमाशों ने अपने हथियार बना लिया। सवाल यह है कि जब ये बदमाश सलाखें तोड़ रहे थे। नुकीले हथियार बना रहे थे तो जेल पुलिस और जेल में बंद कैदी क्या कर रहे थे ?

जेल की सलाखें ऐसे ही नहीं तोड़ी जा सकती हैं। बताया जा रहा है कि इन बदमाशों ने ओढ़ने के लिए चादरों को भी इंतजाम किया। इन चादरों को जेल नंबर ९ के ग्राउंड फ्लोर पर कूद गए। ऐसे में प्रश्न उठता है कि जेल नंबर 9 की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी क्या कर रहे थे ? तो क्या ये सुरक्षाकर्मी वहां पर तैनात नहीं रहते  हैं ? बताया जा रहा है कि  लोहे की रॉड और सूए से टिल्लू पर सुबह 6.15  पर हमला किया गया। ये लोहे की रॉड और सूए बदमाशों के पास कहां से आये ? मतलब बदमाशों की प्लानिंग के सामने जेल अधिकारी कुछ न कर सके। हमलावर बदमाशों की पहचान दीपक, योगेश, राजेश और रियाज के रूप  में हुई है। ये चारों बदमाश के संबंध गोगी गिरोह से बताये जा रहे हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि इन बदमाशों को कमांड कौन दे रहा था ? गोगी के बाद अब गैंग की कमान किसके हाथ में है। सवाल यह भी है कि ये बदमाश गोगी गैंग के हैं या फिर भाड़े के थे ? कहीं इस षड्यंत्र में जेल अधिकारियों की मिलीभगत तो नहीं है ?   जेल में वारदात हो जाती है और कुछ सुरक्षा कर्मी सस्पेंड हो जाते हैं और लोग मामले को भूल जाते है और फिर से किसी और वारदात के लिए षड्यंत्र रचा जाने लगता है। ज्यादा हंगामा होता है तो मुकदमा दर्ज हो जाता है।  देखने की बात यह भी है कि तिहाड़ जेल की सुरक्षा का जिम्मा आईटीबीपी पर है। साथ ही जेल के सुरक्षाकर्मी भी कैदियों की सुरक्षा में रहते हैं। फिर भी जेल में हमले हो जाती हैं। हत्याएं हो जाती हैं। तिहाड़ जेल में कैदी आराम से फोनों का इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त तिहाड़ जेल में 15 हजार कैदी बताये जा रहे हैं। देखने की बात यह है कि 19 दिन में तिहाड़ जेल में 2 गैंगवार में 2 गैंगस्टर मारे गए हैं। इससे पहले 14 अप्रैल को दिल्ली गैंगस्टर प्रिंस तेवतिया की भी जेल के अंदर ओह हत्या हो गई  थी।

गैंगस्टर गोल्डी ने बाकायदा फेसबुक पर पोस्ट करके कबूल किया है कि उसने ही टिल्लू की हत्या कराई है। गैंगस्टर गोल्डी ने लिखा कि जो दिल्ली की तिहाड़ जेल में टिल्लू ताजपुरिया का मर्डर हुआ है। वो हमारे भाई ने योगेश टुंडा और दीपक तीतर ने किया है। गोगी मान भाई के नुकसान में टिल्लू  ने जिम्मेदारी ली थी और ये शुरू से ही हमारे भाइयों  का दुश्मन था।

आज गोगी मान ग्रुप वाले भाइयों का सिर ऊंचा कर दिया, बड़े भाई गोगी का बदला लेकर। उसने आगे लिखा कि और भी जो जिंदा रह गए हैं, उनका नंबर भी जल्द आएगा। जिस किसी का भी हाथ है, हमारे किसी भाई के नुकसान में उसे जल्द मौत के घाट उतारा जाएगा।