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Karnataka Election Result: मल्लिकार्जुन खरगे पर छोड़ा कर्नाटक का अगला CM चुनने का फैसला, आज दिल्ली आएंगे शिवकुमार और सिद्धारमैया

By अपनी पत्रिका

May 15, 2023

 

 

Karnataka Government Formation: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद कांग्रेस (Congress) के सामने सीएम (CM) चुनने को लेकर मुश्किल खड़ी हो गई है. रविवार (14 मई) को पूरे दिन सीएम के नाम को लेकर मंथन होता रहा. राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनने की रेस में पूर्व सीएम सिद्धारमैया (Siddaramaiah) और कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) का नाम सबसे आगे है. दोनों नेताओं के समर्थकों ने अपने-अपने नेता के पक्ष में जोरदार नारेबाजी भी की

 

1. कांग्रेस विधायक दल की रविवार शाम बेंगलुरु के एक निजी होटल में हुई बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार दिया गया. मल्लिकार्जुन खरगे ने कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का नेता चुनने के लिए वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह और दीपक बाबरिया को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था.

2. इससे पहले, कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल के साथ निवर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार के साथ बैठक की थी.

3. विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में दो प्रस्ताव लाए गए जिसमें कर्नाटक की जनता का धन्यवाद किया गया और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस विधायक दल के नेता का चुनाव करेंगे ये कहा गया.

4. सिद्धारमैया ने पार्टी अध्यक्ष को सीएलपी पार्टी के एक नए नेता की नियुक्ति के लिए अधिकृत करते हुए सिंगल लाइन प्रस्ताव पेश किया था और 135 कांग्रेस विधायकों ने सर्वसम्मति से उनके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इसका समर्थन डीके शिवकुमार ने भी किया. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने खरगे को प्रस्तावों के बारे में बताया और खरगे ने तब केसी वेणुगोपाल को निर्देश दिया कि 3 वरिष्ठ पर्यवेक्षकों को प्रत्येक विधायकों की व्यक्तिगत राय लेनी चाहिए और उसे आलाकमान तक पहुंचाना चाहिए.

5. कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि विधायकों की राय लेने की प्रक्रिया आज रात ही पूरी कर ली जाएगी. ये एक सर्वसम्मत प्रस्ताव है जिसे सिद्धारमैया जी ने पेश किया और डीके शिवकुमार सहित सभी वरिष्ठ नेताओं वे इसका समर्थन किया है.

6. डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया सोमवार को दिल्ली जाएंगे. दोनों नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे. खरगे के सामने चुनौती ये होगी कि एक को सीएम बनाने पर दूसरे को कैसे मनाया जाए.

7. बेंगलुरु के जिस होटल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, उसके बाहर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के समर्थकों ने जोरदार नारेबाजी भी की. दोनों नेताओं के समर्थक उन्हें अगला मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं. इससे पहले डीके शिवकुमार के समर्थकों ने उनके आवास के बाहर पोस्टर लगाया, जिसमें उन्हें कर्नाटक का मुख्यमंत्री घोषित करने की मांग की गई. सिद्धारमैया के समर्थकों ने भी उन्हें अगला सीएम बताते हुए पोस्टर लगाए.

8. कांग्रेस की बैठक से पहले डीके शिवकुमार ने ये कहते हुए मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बने रहने का संकेत दिया था कि वह सभी को साथ लेकर चले और उन्होंने अपने लिए कभी कुछ नहीं मांगा. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के साथ उनका मतभेद होने की अटकलों को भी खारिज किया. उन्होंने कहा कि हर कोई कह रहा है कि मेरे और सिद्धरमैया के बीच मतभेद हैं, लेकिन मैं आपको बता दूं कि रत्ती भर भी मतभेद नहीं है. मैंने किसी को मौका ही नहीं दिया. मैंने अपने आप को जमीन से जुड़ा हुआ रखा और अपने रास्ते पर चलता गया.

9. जनता की ओर से पसंद किए जाने वाले लोगों के बजाय मेहनत करने वाले लोगों को तरजीह दिए जाने के सवाल पर शिवकुमार ने कहा कि जब 2019 के उपचुनाव में पार्टी की शिकस्त के बाद सिद्धरमैया और दिनेश गुंडु राव ने कांग्रेस विधायक दल के नेता और प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था, तो कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन पर विश्वास जताया था और उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया था. शिवकुमार ने ये भी कहा कि जब वह धन शोधन के एक मामले में जेल में बंद थे, तो सोनिया गांधी अपना समर्थन जताने के लिए उनसे मिलने आई थीं. उन्होंने सभी को साथ लेकर चलते हुए दिन-रात मेहनत की है.

10. रविवार को दिन में कांग्रेस नेता सिद्धारमैया और अन्य नवनिर्वाचित विधायक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर पहुंचे थे. कांग्रेस नेता प्रियांक खरगे ने बताया था कि हम जीत के बाद उनसे मिलने गए थे. ये कोई राजनीतिक मुलाकात नहीं थी बल्कि शिष्टता के तौर पर मिलने गए थे. पोस्टर लगने से मुख्यमंत्री तय नहीं होगा, जो विधायक चाहेंगे वही होगा.