चरण सिंह राजपूत
बागेश्वर बाबा उर्फ़ धीरेन्द्र शास्त्री ने हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात करते हुए मथुरा में फिर से भगवान् कन्हैया स्थापित करने की बात की है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद अब मथुरा का मुद्दा छेड़कर धीरेन्द्र शास्त्री ने एक बड़ी बहस को जन्म दे दिया है। तो क्या इस संविधान के रहते हुए देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जा सकता है या फिर मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर बनाया जा सकता है ?
संविधान में देश धर्मनिरपेक्ष है। ऐसे में सभी धर्म समान हैं। मतलब किसी धर्म के नाम पर देश घोषित नहीं किया जा सकता है। हिन्दू राष्ट्र बने या न बने मथुरा में श्रीकृष्ण का मंदिर बने या न बने पर धीरेन्द्र शास्त्री की दुकाम का दायरा जरूर बढ़ जाएगा। बीजेपी को चुनाव में फायदा जरूर हो जाएगा। कहीं 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए तो श्रीकृष्ण मंदिर निर्माण का मुद्दा नहीं सुलगाया जा रहा है ?
इसमें दो राय नहीं कि धीरेन्द्र शास्त्री के बड़े स्तर पर अनुयायी हैं। दूसरे शहरों की तरह ही वह मथुरा में भी एक बड़ा जन समुदाय खड़ा कर सकते हैं। मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर के मुद्दे को बड़ा मुद्दा बना सकते हैं। ऐसे में प्रश्न यह भी उठता है कि क्या योगी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ धीरेन्द्र शास्त्री की मजमा मथुरा में होने देंगे। कहीं धीरेन्द्र शास्त्री को बीजेपी ने ही तो नही लगा रखा है। नहीं तो केंद्र सरकार के साथ ही बीजेपी शासित सरकारें चुप्पी क्यों साढ़े बैठी हैं।
तो यह माना जाये कि बीजेपी खुद मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर का मुद्दा न उठाते हुए
धीरेन्द्र शास्त्री से यह मुद्दा उठवा रही है। जिस तरह से बीजेपी ने राम मंदिर निर्माण को लेकर राजनीति की है। क्या उसी प्रकार से यह पार्टी पर श्रीकृष्ण मंदिर के मुद्दे पर राजनीति करने की सोच रही है।
ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि फिर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मुस्लिमों के प्रति लिब्रल इसलिए हो रहे हैं ? कहीं मोहन भगवत मुस्लिमों के पूर्वजों के धर्म परिवर्तन की बात याद दिलाकर उन्हें वापस हिन्दू धर्म में तो नहीं लाने चाहते हैं ? क्योंकि मोहन भगवत गत दिनों विभिन्न मस्जिदों में जाकर इमामों से मिल चुके हैं। स्वयं सेवकों को सम्बोधित करते हुए उनसे बिना किसी जाति और धर्म पूछे बतियाने, खेलने कूदने और दोस्त बनाने की बात कर चुके हैं। मतलब वह भाईचारे पर फोकस कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो देश को हिन्दू राष्ट्र ही बता रहे हैं। उधर विश्व हिन्दू परिषद के नेता भी देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने दम्भ भर रहे हैं।