राजनीति

Indian/Delhi Politics : फैसलों में पारदर्शिता लाने के लिए लाया गया दिल्ली में अध्यादेश : रविशंकर प्रसाद

By अपनी पत्रिका

May 20, 2023

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने दिल्ली में एलजी वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच चल रही वजूद की लड़ाई के बीच में केंद्र के अध्यादेश लाकर प्राधिकरण बनाने पर बिहार क राजधानी में प्रेस कांफ्रेंस की है। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने आम आदमी पार्टी के बवाल को निराधार बताते हुए मामले को स्पष्ट करने के प्रयास किया है।

उन्होंने कहा है कि दिल्ली में प्रशासनिक व्यवस्था राष्ट्रपति के हाथ में होती है। इसकी वजह है कि वहां पर विदेश राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और दूसरे मेहमान भी आते हैं। प्रधानमंत्री, दूसरे मंत्री और सांसद भी ढीली में ही बैठते हैं। विभिन्न संस्थाओं के ऑफिस दिल्ली में हैं। दिल्ली की व्यवस्था प्रदेश सरकार के हाथ में नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि वैसी भी केजरीवाल के कारनामे सभी लोग देख चुके हैं। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के ट्रांसफर और पोस्टिंग के मामले में मुख्यमंत्री केजरीवाल को अधिकार देने के फैसले के बाद अधिकारियों को परेशान किया जाने लगा था।

उन्होंने कहा केजरीवाल अपने मंत्री सौरव भारद्वाज को आगे कर अधिकारियों को धमकी दिलवाने लगे थे उनको अपमानित किया जा रहा था। आशीष मोरे का नाम उन्होंने प्रमुखता से लिया। एक दूसरे आईएएस जो केजरीवाल के 20000 करोड़ के मामले की जांच कर रहे थे तो उनको भी हटा दिया गया। उन्होंने सौरव भारद्वाज पर आशीष मोरे को बंधक बनाने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि दिल्ली देश की नाम है। दिल्ली की छवि से भी देश की छवि प्रभावित होती है। धारा 239 का हवाला देकर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस तरह का अध्यादेश ला सकती है। २००० के नोटों को बंद करने के मामले में उन्होंने कहा कि यह रिजर्व बैंक की प्रक्रिया है। उन्होंने रिजर्व बैंक के नोट का भी हवाला दिया उन्होंने कहा रिजर्व बैंक का कहना है कि नोटबंदी के समय 2000 के नोट जारी किये थे। अब इन नोटों का प्रचलन मार्केट में बहुत कम हो गया था तो इन्हें बंद कर दिया गया। कांग्रेस के नोटों को बंद करने पर सवाल उठाने पर उन्होंने कहा कि क्या मनमोहन सिंह के समय में कुछ नोटों को बंद नहीं किया गया था।

कर्नाटक में शपथ ग्रहण समारोह पर उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर राव नहीं गए। नवीन पटनायक नहीं गए। अरविन्द केजरीवाल नहीं गए। खुद ममता बनर्जी नहीं गई हैं। उन्होंने विपक्ष की एकता पर चुटकी लेते हुए कहा कि 2024 में प्रधानमंत्री पद के लिए कोई वैकेंसी है। जनता जानती है कि देश पीएम मोदी के हाथों में सुरक्षित है। मोदी की वजह से दुनिया में भारत का डंका बज रहा है।