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दिल्ली में बढ़े H3N2 इन्फ्लुएंजा के केस, दो लोगों की मौत, हर घर में लोग खांसी और बुखार से ग्रसित, बरतें सावधानी

By अपनी पत्रिका

March 10, 2023

दिल्ली-एनसीआर में  H3N2 इन्फ्लुएंजा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अधिकांश लोग रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन से पीड़ित हैं। उनमें बुखार, खांसी, नाक बहना, बंद नाक, शरीर में दर्द और सिरदर्द जैसे लक्ष्ण देखने को मिल रहे हैं। अगर आपकी खांसी भी लगातार दो हफ्तों से ठीक नहीं हो रही है तो आप भी हैं इसके शिकार। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सचेत कर रहा है कि अगर इस हालात में आप एंटीबायोटिक लेते हैं तो वह आपके लिए ज्यादा खतरनाक हो सकता है।

नई दिल्ली, 10 मार्च। ICMR के वायरस रीसर्च से जुड़े एक संस्था के वैज्ञानिकों ने कहा है कि बीते दो- तीन महीनों से देश में इफ्लूएंजा वायरस के ए सबटाइप H3N2  के कई मामले सामने आए हैं, जिसके कारण अस्पतालों में मौसमी बुखार, सर्दी और खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ी है। विशेषज्ञों के मुताबिक फरवरी के महीने में मौसम में आया तीव्र परिवर्तन और प्रदूषण का साथ वायरल संक्रमण के मरीजों की संख्या को बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहा है।वायरल संक्रमण के मरीजों में खांसी और तेज बुखर के जैसे लक्षण मिल रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि फरवरी के महीने में मौसम में अचानक आए परिवर्तन और प्रदूषण इसकी वजह हो सकती है। इस बीच, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि खांसी, सर्दी और मौसमी बुखार के मामलों में लोग बिना सलाह एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करने से बचें।

राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर इलाके में H3N2 इन्फ्लुएंजा के मामलों में काफी इजाफा हुआ है। रिपोर्टों के मुताबिक,  यह वायरस कई आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर रहा है। लेकिन, इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जांच में अधिकांश लोगों को इन्फ्लूएंजा से पीड़ित पाया गया है।  रिपोर्ट में बताया गया है कि काफी लोग रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फैक्शन से पीड़ित हैं। उनमें बुखार, खांसी, नाक बहना, बंद नाक, शरीर में दर्द और सिरदर्द जैसे लक्ष्ण देखने को मिल रहे हैं। ज्यादातर मामलों में जांच के बाद मरीजों में इन्फ्लूएंजा ए, एच3एन2, एच1एन1 और कुछ अन्य रेस्पिरेटरी वायरस के अलावा कुछ भी नहीं पाया गया है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कुछ लोगों को दूसरों की तुलना में बीमारी का अधिक जोखिम होता है। उदाहरण के लिए, मधुमेह और फेफड़ों की समस्याओं जैसी बीमारी से पीड़ित लोगों में अन्य लोगों की तुलना में इस इन्फ्लूएंजा से संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि रेस्पिरेटरी सिन्सिटियल वायरस (आरएसवी) और राइनोवायरस आमतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को संक्रमित करते हैं। यहां तक कि 2 साल से कम उम्र के बच्चों पर भी इसका असर होता है। इसमें बच्चों को तेज बुखार, खांसी और सर्दी हो सकती है। कुछ बच्चों को सांस की गंभीर समस्या हो रही है। यह विशेष रूप से 1 साल से कम उम्र के बच्चों में हो रही है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि न केवल सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों, बल्कि फेफड़ों की समस्याओं, हृदय रोगियों, मधुमेह रोगियों,  बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को भी अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।

दिल्ली एनसीआर में गर्मी का कहर होली के बाद और तेज हो गया है। सुबह का न्यूनतम तापमान 17 से 20 डिग्री के बीच होता है जबकि दर्ज किया गया। भारत मौसम विभाग के मुताबिक आज अधिकतम तापमान 32 से 37 डिग्री रहने की उम्मीद है। आगामी दो दिनों में अधिकतम तापमान बढ़कर 34 डिग्री तक पहुंच सकता है। दिल्ली में मौसम में आए बदलाव के बाद से ही कोरोना इन्फ्लूएंजा स्ट्रेन जैसे ज्यादा मरीज भी सामने आने लगे हैं। इस मामले में डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को अगामी कुछ दिनों तक संभलकर रहने की जरूरत है।

 

क्या करें 

बुखार और बदन दर्द होने पर पैरासिटामोल ले सकते हैं लेकिन डॉक्टर की सलाह लें।

अपनी नाक और मुंह को छूने से बचें।

फेस मास्क पहनें और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें।

हाइड्रेटेड रहें और खूब सारे फ्लूड्स का सेवन करें।

खांसते और छींकते समय अपनी नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढक लें।

 

क्या न करें 

खुद दवाई ना लें, एंटीबायोटिक्स और दूसरी दवाएं डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही लेनी चाहिए।

दूसरों के पास बैठकर खाना ना खाएं।

जहां तक संभव हो,उचित दूरी बनाए रहें।