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सहयोगात्मक संघवाद का उल्लंघन हो रहा: नीतीश कुमार

By अपनी पत्रिका

August 17, 2015

पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को सहरसा की रैली में बिहार के लिए विशेष पैकेज की घोषणा किये जाने के भाजपा नेताओं के दावों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि उन्होंने अभी तक पैकेज के बारे में कोई नयी बात नहीं सुनी है लेकिन पहले इसका विवरण देखेंगे, उसके बाद ही प्रतिक्रिया देंगे। नीतीश ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहली बात तो यह सहयोगात्मक संघवाद का स्पष्ट उल्लंघन है कि राज्य सरकार को अंधेरे में रखा गया, जबकि भाजपा नेता राज्य के लिए प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के बारे में बयानबाजी कर रहे हैं। लेकिन मैंने अभी तक जो कुछ सुना है, उस हिसाब से प्रस्तावित विशेष पैकेज में कुछ नया नहीं दिखाई देता।’’

खबरों के अनुसार सुशील कुमार मोदी समेत राज्य के भाजपा नेताओं का दावा है कि प्रधानमंत्री मंगलवार को सहरसा की रैली में 56000 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज का ऐलान कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं टिप्पणी करने से पहले प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के ब्यौरे का इंतजार करंगा।’’ नीतीश ने कहा कि वह प्रोटोकॉल का पालन करेंगे और मंगलवार को प्रधानमंत्री की अगवानी करने पटना हवाई अड्डे जाएंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि वह आरा में मौजूद नहीं रहेंगे जहां प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राजमार्ग की 10 सड़कों की आधारशिला रखेंगे। इनमें बक्सर से पटना तक चार लेन का मार्ग और आरा के कोइलवर में छह लेन का पुल शामिल है। उन्होंने कहा, ‘‘मंगलवार के कार्यक्रम के लिए सड़क निर्माण विभाग मंत्री राजीव रंजन सिंह लल्लन आरा जाएंगे।’’ नीतीश ने कहा, ‘‘मैं इंतजार कर रहा हूं कि विशेष पैकेज में नयी परियोजनाएं भी होंगी या महज पुरानी परियोजनाओं को नये स्वरूप में पेश किया जाएगा।’’ इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि बक्सर से पटना तक जिस राजमार्ग के लिए प्रधानमंत्री मंगलवार को आधारशिला रखेंगे, उसे पिछली संप्रग सरकार ने मंजूरी दी थी।

प्रधानमंत्री पर लोकसभा चुनावों से पहले किये गये एक भी वादे को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘एक रैंक, एक पेंशन, काले धन की वापसी और इसमें से प्रत्येक नागरिक को 15-20 लाख रुपये देना ऐसे ही कुछ वादे हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि इनके अलावा किसानों को बढ़ा हुआ एमएसपी, युवाओं को रोजगार और बिहार को विशेष दर्जा, विशेष पैकेज तथा विशेष ध्यान देना जैसे वादे भी अधूरे हैं, जबकि मौजूदा प्रधानमंत्री के पांच साल के कार्यकाल का 25 प्रतिशत समय गुजर चुका है। मोदी ने लोकसभा चुनावों से पहले चुनाव अभियान के दौरान रेवाड़ी की रैली में ओआरओपी की वकालत की थी और चुनाव में पूर्व सैनिकों ने उनका भरपूर समर्थन किया था। नीतीश ने कहा, ‘‘लेकिन जब वादे पूरा करने का समय आया तो वह कह रहे हैं कि सरकार इसके लिए सैद्धांतिक रूप से तैयार हो गयी लेकिन और विस्तार से अध्ययन कर रही है। ओआरओपी पर उनके रुख में संप्रग के दौरान रही स्थिति से अलग क्या है?’’ मोदी के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए नीतीश ने कहा, ‘‘कोई भाषण देने की उनकी क्षमता पर सवाल नहीं उठा रहा है। लेकिन चुनावों के दौरान किये गये किसी भी वादे को अब तक पूरा क्यों नहीं किया गया?’’

सीमाओं पर पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम उल्लंघन और नागरिकों के मारे जाने की घटनाओं का जिक्र करते हुए नीतीश ने कहा, ‘‘अगर इस तरह की घटनाएं होती हैं तो पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की बड़ी बड़ी बातों का क्या हुआ?’’ बिहार के मुख्यमंत्री ने मानसून सत्र के दौरान संसद में योजना राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के बयान का जिक्र किया कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों में विशेष दर्जा देने का कोई प्रावधान नहीं है। नीतीश ने कहा, ‘‘अगर आप कुछ नहीं करना चाहते तो तमाम बहाने हो सकते हैं।’’ उन्होंने संकेत दिया कि बिहार चुनावों में उनके गठबंधन के लिए राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगा। उन्होंने कहा, ‘‘बिहार के प्रत्येक नागरिक की यही मांग है।’’ नीतीश ने कहा कि बिहार में बाहर से किसी मदद के बिना करीब 10 प्रतिशत की विकास दर बनी हुई है और अगर विशेष दर्जा मिल जाए तो यह और बढ़ सकती है।