अपनी पत्रिका ब्यूरो India-China Border : भारत और चीन के बीच सीमा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों सेनाओं के बीच कई स्तर पर इसे लेकर बातचीत हो चुकी है, लेकिन हर बार चीन कुछ ऐसा करता है जिससे विवाद खत्म होने की बजाय और बढ़ जाता है। इधर प्रधानमंत्री विपक्ष के इंडिया के पीछे पड़े हैं और चीन ने पूर्वी लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक फैली एलएसी पर सैन्य गतिविधियों को बढ़ा दिया है। इसी बीच आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को लेह में 14 कोर मुख्यालय का दौरा किया और हालात का जायजा लिया।
सीमा के बाकी इलाकों का भी दौरा करेंगे आर्मी चीफ
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन सीमा के नजदीक अपनी सैन्य ताकत को एक बार फिर बढ़ा रहा है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि आर्मी चीफ इस हालात को देखते हुए सीमा के कुछ और इलाकों का भी दौरा कर सकते हैं. हाल ही में पाकिस्तानी सीमा के पास जनरल पांडे ने सियाचिन ग्लेशियर का भी दौरा किया था.
सेना हटाने को लेकर होनी है बातचीत
कुछ महीने पहले अप्रैल में चीन और भारत की सेना के बीच बातचीत हुई थी, इस दौरान चीनी सेना की तरफ से देपसांग के साथ-साथ पूर्वी लद्दाख के डेमचोक में चार्डिंग निंगलुंग नाला के नजदीक मौजूद सेना को हटाने से इनकार कर दिया गया। था। इसके बाद दोनों देशों के बीच कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता का 19वां दौर शुरू होना है।
PLA भारी हथियारों के साथ मौजूद
TOI की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य टकराव को कम करने को लेकर अब तक कोई भी कदम नहीं उठाया है। इसके उलट वो इन इलाकों में लगातार अपनी सैन्य ताकत को मजबूत करने में जुटा है। चीन ने सीमा के इन इलाकों में चीनी सेना सतह से हवा में मार करने वाली घातक मिसाइलें, रडार और गोला-बारूद के साथ मौजूद है।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
चीन से मुद्दे पर कांग्रेस ने भी मोदी सरकार को घेरा है और सवाल दागे हैं. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के जी 20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक दूसरे का अभिवादन स्वीकार किए जाने संबंधी विदेश मंत्रालय के बयान को लेकर सवाल उठाते हुए पूछा, क्या बीजिंग के साथ सीमा विवाद सुलझ गया है?
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने सरकार से ये भी पूछा कि क्या आखिरकार चीनी सैनिक डेपसांग और डेमचोक से पीछे हट जाएंगे? विदेश मंत्रालय ने 27 जुलाई को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पिछले साल बाली में जी20 शिखर सम्मेलन में एक डिनर के दौरान एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाए रखने की जरूरतों पर बातचीत की थी।