सी.एस. राजपूत
जिस तरह से भारत जोड़ो यात्रा में जबरदस्त सफलता मिलने के बाद हिंडनबर्ग-अडानी मामले में हो रहे कांग्रेस के विरोध में आम आदमी पार्टी और तेलंगाना संघर्ष समिति भी आ गई है। जिस तरह से बजट सत्र में राहुल गांधी ने पीएम मोदी और अडानी के रिश्ते को उठाकर अडानी ग्रुप के तेजी से उभरने पर उंगली उठाई है, उससे वह माहौल बना लेने में सफल रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा निकालने के बाद जिस तरह से अडानी मामले में राहुल गांधी पीएम मोदी को घेर रहे हैं उससे उनका न कद बढ़ा है बल्कि वह विपक्ष के नेता भी बनकर उभरे हैं।
राहुल गांधी ने जिस तरह से भारत जोड़ो यात्रा का हवाला देते हुए कहा है कि लोग उनसे पूछ रहे थे कि अडानी ग्रुप इतनी तेजी से कैसे आगे बढ़ गया ? पीएम मोदी के अडानी से क्या संबंध हैं ? ऐसा कहकर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के न केवल अडानी से रिश्ते को उजागर किया बल्कि यह भी बताने का प्रयास किया है कि प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल में अडानी पर पूरी तरह से मेहरबानी करते हुए सरकारी संसाधनों का दोहन कराया है। उन्होंने लोगों की समस्याएं भी बताईं। उन्होंने लोगों के पूछने के बहाने बेरोजगारी और पेंशन का मुद्दा भी संसद में उठा दिया। अग्निवीर योजना पर उंगली उठाते हुए जिस तरह से उन्होंने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत का अनुभव साझा करते हुए उसे सेना की न बताकर आरएसएस की योजना बताया उससे प्रधानमंत्री मोदी की इस ड्रीम योजना पर बड़े सवाल खड़े कर दिये हैं।
भारत जोड़ो यात्रा में बुजुर्ग, बच्चे और महिलाओं के उनसे बातचीत करने की बात कर उन्होंने एक तरह से संसद में यह भी बता दिया कि देशभर से उन्हें हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है। अडानी ग्रुप के 2014 में 609 और 2023 में दूसरे नंबर पर आने को उन्होंने जादू बताते हुए जिस तरह से बहुत कम समय में अडानी ग्रुप की इतनी बड़ी सफलता हासिल कर लेने पर सवाल खड़ा किया उससे उन्होंने प्रधानमंत्री को जनता का काम न कर अडानी के लिए काम करने की बात को आगे बढ़ा दिया। उन्होंने मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए अडानी के लिए एयरपोर्ट के व्यवसाय के नियम में बदलाव करने की भी बात संसद में की। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी के नियम बदलने से पहले नियम था कि अगर कोई एयरपोर्ट व्यवसाय में नहीं है तो वह इन एयरपोर्ट को नहीं ले सकता है। उन्होंने अडानी ग्रुप के साथ ही पीएम मोदी को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि अडानी को एयरपोर्ट व्यवसाय का अनुभव नहीं है। उन्होंने जिस तरह से नियम बदलकर ६ एयरपोर्ट अडानी को देने की बात कही और उसके सबूत भी देने बात कही है वह मोदी सरकार पर बड़ा हमला बताया जा रहा है।
राहुल गांधी ने ड्रोन सेक्टर में भी अडानी ग्रुप के कोई अनुभव न होने की बात कर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने सीधा आरोप लगाया है कि अडानी ने 20 साल तक बीजेपी को पैसे दिये हैं। उन्होंने पीएम मोदी और अडानी के एक साथ काम करने की बात कर मोदी का अडानी के साथ बड़ा रिश्ता जोड़ा है। उन्होंने सवाल खड़ा किया है कि विदेश में जो शेल कंपनी है किसकी हैं ? हजारों करोड़ रुपये शेल रुपये जो भारत भेज रही हैं यह पैसा किसका है ? उन्होंने प्रश्न खड़ा किया है कि क्या यह काम अडानी ग्रुप फ्री में कर रहा है। प्रधानमंत्री आस्ट्रेलिया जाते हैं और जादू से एसबीआई बिलियन डॉलर का लोन अडानी को देता है। प्रधानमंत्री फिर बांग्लादेश गये और १५०० मेगावाट बिजली का ठेका अडानी को चला जाता है। एलआईसी का पैसा अडानी की कंपनी में क्यों डाला गया ? राहुल गांधी ने पीएम मोदी के विदेशी दौरे को अडानी के कारोबार से जोड़ते हुए एक तरह से सरकारी खर्च पर अडानी ग्रुप को फायदा कराने का आरोप पीएम मोदी पर लगाया है।