नेहा राठौर
मंगलवार को अमेरिका के 70 साल के इतिहास में पहली बार अमेरिका सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला कैदी को मौत की सजा सुनाई गई। कैदी महिला का नाम लीजा मोंटगोमेरी है। लीजा को बॉबी जो स्टिनेट की हत्या और उनकी बच्ची के अपहरण का दोषी पाया गया था। मोंटगोमेरी की सजा पर ऐन वक्त पर 8वें सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स ने रोक लगा दी थी, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे पलट दिया और मौत की सजा सुनाई गई थी
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और बुद्धवार को लीजा को जहर का इंजेकस्न देकर फैसले पर अमल किया गया। अमेरिकी न्याय विभाग के मुताबिक मोंटगोमेरी को इंडियाना के तेर्रे हाउते की जेल में स्थानीय समय रात 1:31 बजे मृत घोषित किया गया।
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मौत की सजा देने से पहले डॉक्टरों का कहना था कि मोंटगोमेरी का ब्रेन डैमेज है और वह मानसिक रूप से बीमार है। मोंटगोमेरी के वकील लंबे समय से उसको मौत की सजा का विरोध करते रहे। 52 वर्षीय मोंटगोमेरी को मृत्युदंड देने को लेकर कई संघीय अदालतों का दरवाजा खटखटाया था, आखिर में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मोंटगोमेरी के वकील केली हेनरी ने सजा को “क्रूरतापूर्ण, गैर-कानून और सत्ता की शक्ति का अनावश्यक इस्तेमाल” बताया था।
लीजा मोंटगोमेरी ने 16 दिसंबर 2004 को उत्तर पश्चिमी मिसूरी के स्किडमोर में बॉबी जो स्टिनेट के घर में घुसकर रस्सी से उनका गला घोंटकर हत्या कर दी थी और आठ महीने की गर्भवती स्टिनेट का किचन में इस्तेमाल होने वाले चाकू से पेट चीर कर बच्ची को लेकर वहां से फरार हो गई थी।
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