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बच्चे पैदा करने पर अपने कर्मचारियों को मोटा पैसा दे रही एक कंपनी , 1 बच्चे के मिल रहे 5.66 लाख!

By अपनी पत्रिका

July 01, 2023

भारत में भले ही जनसंख्या बढ़ने का रोना रोया जा रहा हो पर चीन और जापान समेत कई देश ऐसे भी हैं जिनकी आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है।  इन देशों में कामकाजी उम्र की आबादी कम देखने को मिल रही है। यह अपने आप में दिलचस्प है कि जो देश जनसंख्या कम करने के लिए तरह-तरह की योजनाएं ला रहे थे वे देश अब लोगों पर अधिक बच्चे पैदा करने का दबाव डाल रहे हैं। इसके लिए बाकायदा सरकारी स्तर पर कई तरह के प्रोत्साहन भी दिए जा रहे हैं। कुछ जगह तो लाखों रुपये भी दे रहे हैं। चीन की एक ट्रैवल कंपनी तो अपने कर्मचारियों के लिए सबसे अनोखा ऑफर लेकर आई है। कंपनी के मुताबिक, 1 जुलाई से वे अपने उन सभी कर्मचारियों को लगभग 5.66 लाख रुपये यानी 50,000 युआन देंगे, जिनके बच्चे हैं, प्रत्येक बच्चा 500,000 रुपये का पात्र होगा।

युवाओं में बच्चे पैदा करने की चाहत बढ़ाना है मकसद

यह किसी भी निजी कंपनी की अब तक की सबसे बड़ी पहल मानी जा रही है।  रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, Trip.com के कार्यकारी अध्यक्ष जेम्स लियांग ने कहा, “मैंने हमेशा सुझाव दिया है कि सरकार को अधिक बच्चों वाले परिवारों की सहायता करनी चाहिए। उन्हें सभी प्रकार की सुविधाएं, विशेष रूप से धन प्रदान करना चाहिए ताकि युवाओं में अधिक बच्चे पैदा करने की चाहत पैदा हो। निजी कंपनियां इस प्रयास में निश्चित रूप से भाग लेंगी.” दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों में से एक, Trip.com के जेम्स लियांग ने कहा है कि हमने दुनिया भर में अपने कर्मचारियों के पैदा होने वाले प्रत्येक बच्चे को पांच साल तक हर साल 10,000 युआन देने का फैसला किया है। यह मूल सब्सिडी के तहत होगा। कंपनी इस पहल पर 1 अरब युआन खर्च करेगी.”

चीन में बढ़ रही बूढ़ों की संख्या

 

दरअसल चीन की एक बच्चे की नीति 1980 से 2015 तक लागू रही। इसके परिणामस्वरूप, विशेषज्ञों का मानना है कि चीन समृद्ध होने से पहले ही एक बूढ़ा समाज बन जाएगा, क्योंकि उसके कार्यबल में लगातार गिरावट हो रही है। बुजुर्ग आबादी पर खर्च बढ़ रहा है। चीन की जन्म दर पिछले वर्ष गिरकर प्रति 1,000 लोगों पर 6.77 हो गई, जो 2021 में 7.52 थी, जिसने एक रिकॉर्ड स्थापित किया।  अधिकारियों ने कहा कि 2021 में कपल्स अधिकतम तीन बच्चे पैदा कर सकते हैं। हालांकि, युवा लोग विभिन्न कारणों से बच्चे पैदा करने में रुचि नहीं रखते हैं।  इसीलिए सरकार ने विभिन्न योजनाओं की घोषणा की है। युवाओं को लगता है कि बच्चों की देखभाल करना और उन्हें पढ़ाना उनके बस के बाहर है।