Monday, April 29, 2024
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महाराष्ट्र के सरकारी अस्पताल में 10 बच्चों की मौत

भंडारा। महाराष्ट्र के भंडारा जिले की सरकारी अस्पताल में शुक्रवार रात को 10 नवजात बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। अस्पताल में 17 नवजात बच्चे भर्ती थे। शुक्रवार देर रात बच्चों के इस वार्ड से धुआं उठता देख कर अस्पताल में हडकंप मच गया। आनन फानन में बच्चों को वहां से बाहर निकाला गया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।


खबरें आ रही हैं कि 10 बच्चों की मौत हो चुकी थी। राज्य सरकार ने मामले की जांच शुरू कर दी है।इस घटना पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री समेत सभी ने शोक जताया है। महाराष्ट्र की यह अकेली ऐसी घटना नहीं है। इससे पहले उत्तरप्रदेश और राजस्थान के कोटा में भी नवजात बच्चों की मौतें हो चुकी हैं पर सरकारों और अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगीं।लापरवाही की हद हो गई।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जांच के आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे से भी बात की है। भंडारा के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से भी फोन पर जानकारी ली है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री घटनास्थल के लिए निकल चुके हैं। वे भंडारा के सरकारी अस्पताल का दौरा करेंगे और अधिकारियों से घटना की रिपोर्ट लेंगे।


राज्य के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने हर अस्पताल के शिशु वार्ड में सेफ्टी ऑडिट के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने पीड़ित परिवारों को 5.5 लाख की सरकारी मदद का भी ऐलान किया है। जांच के लिए एक टीम मौके पर पहुंच चुकी है जो ये पता करेगी कि आखिर ये आग कैसे लगी। साथ ही ये भी पता किया जा रहा है कि अस्पताल का फायर ऑडिट कब और कैसे हुआ था।

सिविल सर्जन के बतौर अस्पताल में काम कर रहे डॉक्टर खंडाते ने बताया कि बच्चों को जिस वार्ड में रखा जाता है वहां लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति भी होती है। फिलहाल ऐसा माना जा रहा है कि किसी सर्किट के चलते ये आग लगी।


रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों की यूनिट में धुआं भर गया था। अस्पताल के कर्मचारियों ने फायर ब्रिगेड की सीढ़ी से बालकनी पर चढ़ कर दरवाजा और खिड़कियां तोड़ दीं ताकि धुआं बाहर निकल सके। अंदर देखा कि कुछ बच्चे जल गए हैं जबकि कुछ धुएं के कारण अपनी जान गवां चुके हैं। धुएं के कारण बच्चों का शरीर काला हो गया था।

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रिपोर्ट के मुताबिक नर्सें सांस नहीं ले पा रही थीं। धुआं बहुत अधिक था। इस बात की भी जांच की जा रही है कि घटना के वक्त यूनिट में कोई क्यों नहीं था। हर घंटे पर डॉक्टर और नर्सों को वहां जाना चाहिए था फिर ऐसा क्यों नहीं हुआ। अस्पताल का मैनेजमेंट और डॉक्टरों को इन बातों का जवाब जांच टीम को देना होगा।


राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने भी आग में मरने वाले बच्चों के परिवारों के लिए पांच लाख के मुआवज़े की घोषणा की। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार ठाकरे ने अस्पताल के सिक न्यूबोर्न केयर यूनिट में आग में जलकर मारे गए शिशुओं की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया।

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उन्होंने कहा कि भंडारा ज़िला अस्पताल में लगभग 2 बजे आग लग गई थी। उन्होंने कहा कि यूनिट में 17 बच्चे थे और सात को बचाया गया था।

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