Thursday, April 25, 2024
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11 मई को दिल्ली में “जाट आरक्षण अधिकार रैली” भारत सरकार को देंगे ज्ञापन

पत्रिका सवांददाता 
मेरठ। उत्तर प्रदेष में मेरठ मण्डल के जाट आरक्षण से जुड़े प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक में बोलते हुए अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यषपाल मलिक ने कहा कि 17 मार्च 2015 के जाट आरक्षण के रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पूरे जाट समाज में रोष व्याप्त है। उन्होंने बताया कि विभिन्न सरकारों द्वारा की गई गलती का खामियाजा जाट समाज को भुगतना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि 17 मार्च 2015 के फैसले के बाद जिस तरह लगातार भाजपा नेताओं द्वारा जाट समाज को आष्वस्त किया जा रहा था और उसी के अन्र्तगत 26 मार्च 2015 को सभी 9 राज्यों के जाट समाज के प्रतिनिधियों को माननीय प्रधानमन्त्री व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ मिलवाया गया था। इस मुलाकात में माननीय प्रधानमन्त्री ने स्वयं यह आष्वासन दिया था कि जाट समाज के आरक्षण को बहाल करने के लिये, कानूनी प्रक्रिया से लेकर संसद में कानून बनाने तक हर सम्भव प्रयास किया जायेगा। उन्होंने यह भी आष्वासन दिया था कि इसको शीघ्र ही कराने का प्रयत्न किया जायेगा।
उक्त फैसले पर अफसोस जताते हुए पुष्पेन्द्र चैधरी ने कहा कि उक्त फैसले को चुनौती देने के लिये पुनर्विचार याचिका एवम् क्यूरेटिव पिटिषन जैसे विकल्पों के बावजूद 17 मार्च के फैसले को सरकार के सभी विभागों द्वारा तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया। हम प्रधानमन्त्री के संज्ञान में यह बात लाना चाहते हैं कि वे अविलम्ब यथोचित माध्यम अपना कर उन हजारों जाट युवा जिनके द्वारा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं को ओ.बी.सी. श्रेणी में 17 मार्च 2015 से पूर्व ही परीक्षा देकर मार्च-अप्रैल माह तक पास कर लिया है, को न्याय दिलाने का कार्य करें।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री मानवेन्द्र वर्मा ने बताया 11 मई 2015 को दिल्ली के जन्तर-मन्तर पर जाट समाज के सभी संगठन मिलकर, “जाट आरक्षण अधिकार रैली” का आयोजन कर रहे हैं। इस रैली के द्वारा जाट युवाओं की समस्या के समाधान के लिये भारत सरकार को निष्चित समय सीमा में समस्या का हल ना निकालने पर तब जाट समाज देष व्यापी आन्दोलन का निर्णय लेगा और पहले आन्दोलनों की तरह जाट समाज के लोग हर बलिदान के लिये तैयार हैं। भारत सरकार जाट समाज की ताकत को नापने की कोषिष ना करे।
जिन मुद्दों पर भारत सरकार को ज्ञापन दिया जायेगा वो निम्न हैः
1. जिन जाट युवाओं द्वारा संघ लोक सेवा की परीक्षा ओ.बी.सी. कोटे के तहत पास की है उनका इन्टरव्यू भी कराया जाये और उनकी मेरिट ओ.बी.सी. के तहत बने।
2. जिन जाट युवाओं का बैंक व बीमा कम्पनीयों में ओ.बी.सी. कोटे के तहत सलैक्षन हो चुका है उनको भी नियुक्ति दी जाये।
3. जिन जाट युवाओं को ब्।ज्ध्प्प्ज् व अन्य प्रतियोगी परीक्षा द्वारा ओ.बी.सी. कोटे में सलेक्षन हुआ है उन्हें उक्त संस्थानों में प्रवेष दिया जाये।
4. जिन जाट युवाओं का केन्द्र सरकार की अन्य नौकरियों में ओ.बी.सी. कोटे के तहत चयन हो चुका है उनको भी नियुक्ति दी जाये।
5. भारत सरकार द्वारा उच्चतम न्यायलय की सुनवाई जल्द कराने के प्रयास किये जायें अन्यथा जाट आरक्षण के पक्ष में संसद द्वारा कानून बनाया जाये।
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