प्रदेश

सुरक्षित भविष्य के लिए अक्षय ऊर्जा ही एक मात्र रास्ता: मोदी

By अपनी पत्रिका

February 15, 2015

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुरक्षित भविष्य के लिए अक्षय ऊर्जा की जरुरत पर बल देते हुए आज कहा कि विश्व को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने, भावी पीढियों को सुरक्षित दुनिया सौंपने तथा गरीबों के घरों को रोशन करने के लिए अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करने की आवश्यकता है। श्री मोदी ने प्रथम नवीकरणीय ऊर्जा पर यहां अंतररार्ष्ट्रीय निवेशक शिखर सम्मेलन एंव प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पास दुनिया को ग्लोबल वाड्डमग से बचाने की स्वाभाविक शक्ति है। उनका कहना था कि प्रकृति का संरक्षण हमारा स्वभाव है और यह बात हमें बचपन में ही बता दी जाती हैं। प्रकृति को बचाना है तो दुनिया ग्लोबिंग वार्मिंग से बच जाएगी1 उन्होंने कहा कि यदि दुनिया गांधी जी को ही समझे ले तो ग्लोबल वाड्डमग से बचाने के लिए उनका सिद्धांत ही बहुत उपयोगी है। बापू ने जिन बातों को जिया है और जीकर दिखाया है। दुनिया सिर्फ उसी को समझ ले तो उन्हें लगता है कि लोगों को धरती को बचने का रास्ता मिल जाएगा। उनका कहना था कि हमारे अतीत ने हमें जीने का हौसला दिया है और इसके बल पर हम दूसरों को अपने रास्ते पर चलने के लिए तैयार करने की ताकत रखते हैं। उन्होंने कहा कि भारत अक्षय ऊर्जा उत्पादन पर विशेष ध्यान दे रहा है। उनका कहना था कि सूर्य से अधिक कोई ऊर्जावान नहीं है। शों में भगवान सूर्य के रथ में सात घोडों की कल्पना है। इस कल्पना को ऊर्जा के वर्तमान स्नेतों से जोडते हुए उन्होंने कहा कि आज के युग में यदि वह सूर्य के घोडों का प्रतीक थर्मल, गैस, पन बिजली और परमाणु ऊर्जा को माने तो सूर्य के इस रथ पर सौर, पवन और बायो गैस के रुप में तीन और घोडे लगा दिए जाएं तो हमारा ऊर्जा रथ अच्छी तरह से आगे बढ जाएगा।