Saturday, April 20, 2024
Homeअपराधराष्ट्रवादी शिवसेना बिजली कंपनियों का सच जनता के समक्ष लाएगी

राष्ट्रवादी शिवसेना बिजली कंपनियों का सच जनता के समक्ष लाएगी

राष्ट्रवादी शिवसेना के अध्यक्ष श्री जयभगवान गोयल ने दिल्ली में बिजली आपूर्ति करने वाली सभी कंपनियों की शीघ्रतिशीघ्र सीएजी से जांच करवाने की मांग की है। जांच से संबंधित दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया को दिए गए पत्र में उन्हांेने कहा कि घाटा का रोना रो-रो कर दिल्ली की जनता को ये कंपनियां दोनों हाथों से लूट रही हैं। सीएजी से जांच रूकवाने के लिए वे हाईकोर्ट में पहुंच जाती हैं जबकि समय-समय पर बिजली रेट बढ़ाने की मांग करके अपना पक्ष मजबूत करती रहती है।
श्री गोयल ने कहा कि आज बिजली चोरी मात्र 5 प्रतिशत तक रह गयी है जबकि 2002 से पहले दिल्ली में 50 प्रतिशत तक बिजली चोरी होती थी। नाम मात्र को बिजली चोरी भी बिजली कंपनियांे की कुछ गलत नीतियों और कर्मचारियों के कारण ही हो रही है। बिजली कंपनियों की खुली लूट का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि प्रति किलोवाट 600 रुपए की दर फिक्स के साथ 3000 रुप्ए केबल चार्ज लिया जाता है। यदि 22 मीटर से लंबी केबल लगे तो अतिरिक्त चार्ज लिया जाता है लेकिन यदि उपभोक्ता अपना कनेक्शन रद्द करता है तो 600 रुप्ए प्रति किलोवाट पैसा ही वापिस मिलता है। केबल का पैसा कंपनियां वापिस नहीं करतीं। जबकि केबल बिजली कंपनियां उतारकर ले जाती हैं। यदि नहीं पूरी दिल्ली में पहले काॅपर वायर लगी थी जो अब एल्यूमिनियम वायर में बदल दी गयी है। करोड़ों रुप्ए किस खाते में गया, यह ज्वलंत प्रश्न आज भी अनुत्तरित है। भाजपा नेता ने बिजली कंपनियों द्वारा एक वर्ष में 13 महीने का बिजली बिल भेजने का भी आरोप लगाया। उन्हांेने कहा प्रतिमाह बिल 25 से 28 दिन का भेजा जाता है जबकि पहले दो माह का बिल आता था और हर महीने हर बिल में एक फिक्स चार्ज हर उपभोक्ता से लिया जाता है जबकि एक-एक यूनिट का बिल उपभोक्ता से वसूला जाता जबकि बिजली की खपत के ऊपर सरचार्ज और अन्य कई प्रकार के टैक्स भी उपभोक्ता से वसूले जाते हैं। यह दिल्ली के उपभोक्ताओं को लूटने का सरल सुगम मार्ग कंपनियों ने चुना है। उन्हांेने आगे कहा कि मीटर जल जाने की स्थिति में उपभोक्ता से 2200/2300 रुप्ए वसूल किए जाते हैं। मीटर बदले जाने तक प्रोविजनल बिल जो प्रत्यक्षता उल्टा-सीधा यानि अनुमानित होता है, वसूल किया जाता है जिसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं होती।
श्री गोयल ने बिजली कंपनियों की तानाशाही का एक और उदाहरण देते हुए कहा कि घर में कोई फंक्शन होने पर 3-4 दिन लोड़ बढ़ जाता है तो बिजली कंपनियां अपने आप मनमर्जी उसका लोढ़ बढ़ाकर 600 रुपए प्रति किलोवाट के हिसाब से बिल में बिल भेज दिया जाता है। इसके विपरीत कभी कोई उपभोक्ता बिजली लोड़ कम करवाना चाहे तो किश्तों में चक्कर लगवा-लगवा कर लोड़ कम किया जाता है। इसके लिए डीईआरसी नियमांे की दुहाई दी जाती है। लोड़ बढ़ने के साथ ही फिक्स चार्ज बढ़ा दिया जाता है। लेकिन लोड़ कम करवाने के बावजूद फिक्स चार्ज ज्यों का त्यों रहता है। उन्होंने दिल्ली की जनता को लूटने के प्रश्न पर पूर्व कांग्रेस सरकार और वर्तमान आप सरकार की उदासीनता पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली की जनता चीख-चीख कर कह रही है कि बिजली के मीटर 25 से 30 प्रतिशत तक तेज चलते हैं लेकिन कोई कारगर कदम उठाने की कोशिश आज तक नहीं की गयी। स्पष्ट है बिजली कंपनियां सीएजी जांच से इसीलिए भाग रही है ताकि उनकी लूट और लूठमूठ घाटे का सत्य जनसाधारण के सामने न आ जाए। आज बिजली कंपनियांे में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या सन् 2002 से आधी रह गयी है और जिन तथ्य कर्मियांे से काम लिया जा रहा है उन्हंे न्यूनतम उजरते तक नहीं दी जा रही।
श्री गोयल ने कहा कि राष्ट्रवादी शिवसेना शीघ्र ही बिजली कंपनियांे के विरूद्ध जन-जागरण अभियान शुरू करेगी। इसके साथ ही आप सरकार के ‘मौन’ को भी आम लोगांे के समक्ष लाया जाएगा।
RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments