Thursday, April 25, 2024
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ममत्व मेले का आज अंतिम दिन, लोगों को भा रही हस्तशिल्प वस्तुएं

ग्वालियर। अनार छिलके के रंग की हाथ से बनी शुद्घ जरीन की कलात्मक साड़ियां तो भगोरिया व गरबा करते गुड्डे-गुडियाँ। खजूर के पत्तों से बने मनमोहक फूलदान तो हस्तशिल्प से तैयार महिलाओं व पुरूषों के एक से बढ़कर एक खूबसूरत परिधान। यहाँ बात हो रही है फूलबाग स्थित संभागीय ग्रामीण हाट बाजार में चल रहे 6 दिवसीय राजमाता विजयाराजे सिंधिया राज्य स्तरीय ममत्व मेले की, जिसमें प्रदेश के 40 से अधिक जिलों से आए स्व-सहायता समूहों द्वारा हस्तशिल्प वस्तुओं का प्रदर्शन किया गया है। इस मेले में उत्तर प्रदेश के भी स्व-सहायता समूह भी अपनी कलात्मक वस्तुएँ लेकर आए हैं, जो लोगों को खूब भा रही हैं। आज इस मेले का अंतिम दिन है, शाम 7 बजे इसका समापन हो जाएगा। मेले में लोग जमकर लुत्फ उठा रहे हैं।
महिला उद्यमियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के मकसद से राज्य के महिला वित्त एवं विकास निगम के तत्वावधान में आयोजित हो रहे इस मेले में ऐसी कलात्मक हस्तशिल्प वस्तुएँ भी उपलब्ध हैं जो नई दिल्ली, चंडीगढ़, कर्नाटक, केरला सहित देश के सुप्रसिद्घ हस्तशिल्प मेलों में देखने को मिलती हैं। इनमें बाग जिला धार से आए अयूब खत्री द्वारा जरीन कला से तैयार साड़ियाँ और लेडीज वस्त्र प्रमुख हैं। इनके द्वारा सब्जियों के रंग मसलन अनार के छिलके, अरंडी का तेल, धावड़ी का फूल आदि रंग के वस्त्र देखते ही बनते हैं। अयूब खत्री शुद्घ जरीन के कपड़े भी लेकर आए हैं जो अब यदाकदा ही उपलब्ध हो पाते हैं। ममत्व मेले में शक्ति स्व-सहायता समूह झाबुआ के सुभाष गिरवानी के हस्तशिल्प से तैयार गुड्डे गुडियाँ जीवंत रूप में भगोरिया, डांडिया, गरबा तथा अन्य जनजाति नृत्य करते दिखाई दे रहे हैं। इसी तरह जिला मण्डला से आए गृह लक्ष्मी स्व-सहायता समूह द्वारा खजूर के पत्तों से तैयार फूलदान भी सैलानियों को खूब लुभा रहे हैं। जमना स्व-सहायता समूह भोपाल द्वारा तैयार ढाका सिल्क व टशर सिल्क की साड़ियाँ, ब्रॉस बैंगल, योगेश्वर स्व-सहायता समूह बुरहानपुर के बैडशीट, कुर्ते व फ्रॉक भी आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं।
संभागीय ग्राहीण हाट बाजार में 19 मार्च तक चलने वाले राज्य स्तरीय ममत्व मेले में विश्व विख्यात चंदेरी की साड़ियाँ व अन्य वस्त्रों से लेकर बैतूल के बाँस फर्नीचर लाख की चूड़ियाँ, जरी जरदोजी, हैण्डीक्राफ्ट, कॉमन वर्क एवं जूट वर्क, जूट के झूले सहित जूट वर्क की अन्य वस्तुएँ, रेडीमेड एवं आर्टिफिशियल ज्वैलरी, लैदर आयटम, खजूर के पत्तों से बनीं कलात्मक वस्तुएँ, फैन्सी लेडीज बैग सहित हस्तशिल्प की एक से बढकर एक वस्तुएँ महिला उद्यमी लेकर आए हैं।
सांध्य बेला में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी
राजमाता विजयाराजे सिंधिया राज्य स्तरीय ममत्व मेले में सायंकाल 7 बजे से एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति हो रही है। इस कड़ी में त्रिकर्षि समूह भोपाल की तथास्तु नाटक की प्रस्तुति हुई। आज आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के समूह बाँधो मुठ्ठी बहना द्वारा अगरबत्ती नाट्य की प्रस्तुति दी जायेगी। मेले के समापन दिवस 19 मार्च को सायंकाल 7 बजे स्थानीय समूह द्वारा कार्यक्रम गीत गाता चल के तहत सुगम संगीत की प्रस्तुति होगी।

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