Thursday, April 25, 2024
Homeअपराधप्रापर्टी डीलरों की मनमानी पर लगेगी लगाम, खत्म हो जाएगी धोखाधड़ी

प्रापर्टी डीलरों की मनमानी पर लगेगी लगाम, खत्म हो जाएगी धोखाधड़ी

नई दिल्ली । रीयल एस्टेट कंपनियों व प्रापर्टी डीलरों के मनमाने रवैये पर लगाम लगाने को तीन वर्षो से नियामक एजेंसी गठित करने की योजना अब परवान चढ़ेगी। राजग सरकार ने पूर्व संप्रग सरकार की तरफ से राय सभा में पेश रीयल एस्टेट (नियमन और विकास) विधेयक, 2013 में जरूरी संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।बिल संसद के इसी सत्र में पेश होगा। यह रीयल एस्टेट में नियामक एजेंसी के गठन का रास्ता साफ करेगा। ग्राहकों के हितों की रक्षा के साथ ही यह उद्योग के कामकाज को पारदर्शी बनाने में मददगार होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। नये संशोधन के मुताबिक नियामक एजेंसी के नियम आवासीय और वाणियिक रीयल एस्टेट कंपनियों पर समान रूप से लागू होंगे। बिल के सही क्रियान्वयन से ग्राहकों के साथ की जाने वाली धोखाधड़ी काफी हद तक खत्म हो जाएगी। इसका अहम प्रावधान यह है कि जैसे की किसी परियोजना का पंजीयन करवाया जाएगा, उसके 15 दिनों के भीतर उसकी कुल लागत का 50 फीसद हिस्सा एक खास बैंक खाते में जमा कराना होगा। इसी से परियोजना को पूरा किया जाएगा। इससे रीयल एस्टेट में सिर्फ गंभीर कंपनियां ही टिक पाएंगी। ग्राहकों से पहले पैसा लेकर परियोजना लगाने में धांधली करने वाले या एक परियोजना का पैसा दूसरी में लगाने का काम नहीं हो सकेगा।
हर योजना और उसमें लगी राशि का हिसाब-किताब सरकार के पास होगा तो फंड के स्रोत का पता लगाना आसान होगा। छद्म नाम से पैसा लगाने वाले ऐसा नहीं कर सकेंगे। सनद रहे कि काला धन का पता लगाने के लिए गठित समिति की रिपोर्ट में रीयल एस्टेट को काला धन को ठिकाने लगाने का सबसे बड़ा स्रोत बताया गया है।हर राय व केंद्र शासित प्रदेश में रीयल एस्टेट नियामक का गठन होगा। दो रायों को मिला कर भी एक एजेंसी का गठन हो सकता है। बिल का सबसे बड़ा काम यह होगा कि रीयल एस्टेट से जुड़ी हर एजेंसी, हर परियोजना और ब्रोकर्स के तौर पर काम करने वाले एजेंटों को नियामक एजेंसी से पंजीयन करवाना होगा।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments