Saturday, April 20, 2024
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दर्शन करने केदारनाथ आया, कुछ मांगने नहीं: राहुल गांधी

केदारनाथ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज पवित्र केदारनाथ मंदिर में भगवान केदारनाथ के दर्शन किए और कहा कि वह यहां वर्ष 2013 में हुए जल प्रलय के पीड़ितों के प्रति सम्मान व्यक्त करने आए हैं। राहुल ने यह भी कहा कि उन्होंने भगवान से कुछ नहीं मांगा। मंदिर तक पहुंचने के लिए 16 किमी की चढ़ाई चढ़ने वाले राहुल ने कहा कि मंदिर में उन्होंने भगवान से कुछ भी नहीं मांगा लेकिन इस पवित्र स्थल में प्रवेश के बाद उन्हें अलौकिक अनुभूति हुई। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि केदारनाथ मंदिर पैदल आने के लिए उनके पास दो कारण थे। ‘‘पहला..जलप्रलय के दौरान जान गंवाने वालों के प्रति सम्मान व्यक्त करना। राहुल से पूछा गया कि मंदिर में उन्होंने भगवान से क्या मांगा। इस पर जवाब मिला कि उन्होंने कुछ नहीं मांगा।’’ उन्होंने कहा ‘‘अक्सर मैं जब भी किसी मंदिर में जाता हूं तो कुछ मांगता नहीं। यह मेरी आदत है कि मैं कुछ नहीं मांगता। मंदिर में मैंने कुछ भी नहीं मांगा। लेकिन जब मैं अंदर गया तो मुझे अलौकिक अनुभूति हुई।’’ भीषण बाढ़ से तबाह हुए इलाकों में पुनर्वास एवं मरम्मत कार्य को सही संदर्भ में न बताने के लिए राहुल ने मीडिया की आलोचना की। उन्होंने कहा ‘‘जब यहां त्रासदी हुई तो अधिकारियों ने यहां काम करते हुए अपना खून पसीना बहाया, मैं कुछ नहीं कहना चाहता लेकिन फिर मीडिया ने उनके बारे में नकारात्मक बातें कहीं। आपने कहा कि कोई काम नहीं हो रहा है। त्रासदी के बाद अधिकारियों, सेना, पुलिस कर्मियों, मजदूरों.. सभी ने बहुत अच्छा काम किया। सड़कें अच्छी तरह बनाई गईं, पूरी व्यवस्था अच्छी है।’’ राहुल ने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत का आपदाग्रस्त क्षेत्र में हेलीपैडों का निर्माण का विचार सराहनीय है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि अन्य राज्यों को भी इस विचार का अनुकरण करना चाहिये ताकि संकट के समय लोगों को तत्काल बाहर निकाला जा सके। राहुल ने अधिक से अधिक हेलीपैडों के निर्माण को पर्यटन की दृष्टि से भी उपयोगी बताया। केदारनाथ यात्रा के लिए प्रबंधों को ‘‘संपूर्ण’’ बताते हुए राहुल ने कहा कि यात्रा सुरक्षित है और श्रद्धालुओं को इसका पूरा लाभ उठाना चाहिए। राहुल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत और पार्टी की राज्य इकाई की अध्यक्ष अंबिका सोनी के साथ सुबह केदारनाथ पहुंचे। परंपरागत रस्मों के बीच केदारनाथ के द्वार श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कांग्रेस उपाध्यक्ष के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद एवं राज्य मंत्रिमंडल के कई मंत्री भी थे। राहुल और पार्टी के अन्य नेताओं ने कल 10 किमी की चढ़ाई पूरी की थी और लिंचोली पहुंचे थे जहां उन्होंने रात बिताई।  वर्ष 2013 में मैं यहां आया था और जो कुछ यहां हुआ, वह मैंने खुद देखा था। इसलिए मैंने सोचा कि अगर मैं हेलीकॉप्टर से केदारनाथ जाता हूं तो यह उनका निरादर होगा। मैंने सोचा कि जिस तरह वे श्रद्धालु यहां आए थे, मुझे भी उसी तरह यहां आना चाहिए।’’ राहुल ने कहा ‘‘दूसरा कारण था कि यहां कई लोग काम करते हैं। यहां कुली हैं जो आपके कैमरे ले कर आए हैं। वे सामान और लोगों को लाते हैं। वे यहां बहुत कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं और डरे हुए हैं। उनके डर का कारण यहां हुई त्रासदी है और पर्यटक भी डरे हुए हैं।’’ उन्होंने कहा ‘‘इसलिए मैंने सोचा कि अगर मैं पैदल जाता हूं तो यहां रह रहे हमारे भाइयों के लिए यह अच्छी बात होगी। लोग यहां आएंगे और उनका डर थोड़ा तो कम होगा।’’  फिर केदारनाथ पहुंचने के लिए उन्होंने 6 किमी की चढ़ाई और पूरी की। गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के द्वार श्रद्धालुओं के लिए मंगलवार को खोल दिए गए जबकि चारधाम यात्रा के एक अन्य तीर्थस्थल बद्रीनाथ मंदिर के द्वार 26 अप्रैल को खोले जाएंगे। शीतकाल में भगवान केदार की पूजा उनके शीतकालीन गद्दी स्थल उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में होती है। वहां से केदार की डोली गुरुवार शाम ही केदारधाम पहुंची थी।

 

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