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जेल में रहेगा 26/11 का मुख्य साजिशकर्ता लखवी

By अपनी पत्रिका

January 07, 2015

इस्लामाबाद। वर्ष 2008 मुंबई आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता जकीउर रहमान लखवी जेल में ही रहेगा क्योंकि पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने आज जनसुरक्षा कानून के तहत उसकी हिरासत को निलंबित करने का हाई कोर्ट का आदेश पलट दिया। लखवी की हिरासत पर रोक पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। न्यायमूर्ति जवाद एस ख्वाजा की अध्यक्षता वाली शीर्ष न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट का आदेश निरस्त करते हुए लश्कर ए तैयबा के संचालन कमांडर लखवी की हिरासत पर रोक के खिलाफ सरकार की अपील स्वीकार की। शीर्ष अदालत ने अंतिम फैसले से पहले ‘‘विस्तृत सुनवाई’’ के लिए मामला वापस हाई कोर्ट के पास भेजा। न्यायमूर्ति ख्वाजा ने टिप्पणी की, ‘‘ऐसा लगता है कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने जल्दबाजी में फैसला सुनाया। उसने इस मामले में सरकार की दलीलें नहीं सुनीं। मामला वापस इस्लामाबाद हाईकोर्ट को भेजा जा रहा है जो सरकार को अपनी दलीलें देने का अवसर देने के बाद सुनवाई पूरी करे।’’ अदालत ने साथ ही एक न्यायिक मजिस्ट्रेट को अपहरण के एक मामले में 54 वर्षीय लखवी के खिलाफ दायर जमानत याचिका पर इस्लामाबाद हाईकोर्ट का नया फैसला आने तक कार्यवाही से रोक दिया।

सरकार, जिला मजिस्ट्रेट इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र और इस्लामाबाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की तरफ से एक संयुक्त अपील में गृह विभाग के सचिव ने लोक व्यवस्था बनाए रखने संबंधी आदेश (एमपीओ) के तहत लखवी को हिरासत में रखने के आदेश को निलंबित करने के इस्लामाबाद हाई कोर्ट के 29 दिसंबर 2014 के आदेश का निरस्त करने का अनुरोध किया। अटार्नी जनरल सलमान असलम भट ने दलील दी कि इस्लामाबाद हाईकोर्ट का आदेश सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसलों के सामने ‘‘टिकने लायक नहीं’’ है और इस ओर ध्यान दिलाया कि लखवी लश्कर ए तैयबा संगठन का सदस्य है और आतंकवाद के एक मामले में गिरफ्तार हुआ है।

वहीं दूसरी ओर, सरकार ने लखवी को जमानत देने के इस्लामाबाद की आतंकवाद निरोधक अदालत के फैसले को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है। न्यायमूर्ति शौकत सिददीकी की अध्यक्षता वाली इस्लामाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को लखवी की जमानत मंजूर करने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ सरकारी की याचिका सुनवाई के लिए रखी। अदालत ने अगली सुनवाई पर इस मामले में दलीलों के लिए लखवी को समन किया। आतंकवाद निरोधक अदालत ने 18 दिसंबर 2014 को लखवी की जमानत मंजूर की थी। लखवी पर नवंबर 2008 में हुए मुंबई हमले की साजिश रचने, वित्तीय मदद करने तथा इसे अंजाम देने में शामिल होने का आरोप है। अगले दिन, उसे एमपीओ के तहत फिर से हिरासत में लिया गया।

हालांकि इस्लामाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश नूरूल हक कुरैशी ने एमपीओ के तहत लखवी की हिरासत पर रोक लगा दी जिसकी भारत ने कड़ी आलोचना की। भारत ने नयी दिल्ली और इस्लामाबाद दोनों जगह पाकिस्तान के सामने यह मुद्दा उठाया। विदेश सचिव सुजाता सिंह ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को बुलाया जबकि इस्लामाबाद स्थित भारतीय मिशन ने पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के सामने यह मुद्दा उठाया। रिहा होने से ठीक पहले लखवी को अफगानी नागरिक मोहम्मद अनवर खान के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यहां दो दिन के लिए उसे शालीमार पुलिस थाने में रखा जिसके बाद मजिस्ट्रेट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में मंगलवार को आदियाला जेल वापस भेज दिया। उसे 15 जनवरी को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा। लखवी को मुंबई आतंकी हमले के मामले में दिसंबर 2008 में गिरफ्तार किया गया था और इस मामले के संबंध में 28 नवंबर 2009 को लखवी को छह अन्य के साथ अभ्यारोपित किया गया था।